नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को अपने राहत कार्यक्रम की अगली किश्त जारी करने से पहले 11 नई शर्तें लगाई हैं. साथ ही उसने चेतावनी दी है कि भारत से बढ़ते तनाव इस योजना के राजकोषीय, बाह्य और सुधारात्मक लक्ष्यों को गंभीर खतरे में डाल सकते हैं. यह जानकारी रविवार को मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आई है.
शर्तों की लंबी सूची में अब और 11 नए निर्देश
IMF की ओर से जारी कर्मचारी-स्तरीय रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को जिन नई शर्तों का पालन करना होगा, उनमें शामिल हैं:
संसद से 17,600 अरब रुपये के नए बजट को मंजूरी दिलाना.
बिजली बिलों पर ऋण अधिभार (सरचार्ज) में बढ़ोतरी करना.
तीन साल से अधिक पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध हटाना.
रक्षा बजट में वृद्धि की योजना प्रस्तुत करना.
अब तक पाकिस्तान पर कुल 50 शर्तें लग चुकी हैं.
भारत-पाक टकराव और रक्षा बजट में वृद्धि
रिपोर्ट बताती है कि पिछले दो सप्ताहों में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. हालांकि शेयर बाज़ार पर इसका विशेष असर नहीं पड़ा. IMF की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार अगले वित्तीय वर्ष में 2,414 अरब रुपये का रक्षा बजट निर्धारित कर सकती है. वहीं, मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार 2,500 अरब रुपये तक की वृद्धि पर विचार कर रही है.
भारत ने किए हमले, पाकिस्तान ने दी प्रतिक्रिया
22 अप्रैल को भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया. इसके बाद पाकिस्तान ने भी भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया. 10 मई को दोनों देशों में संघर्ष विराम पर सहमति बनी.
प्रांतों पर भी शर्तें, कर प्रणाली में बदलाव का दबाव
IMF ने पाकिस्तान की चारों संघीय इकाइयों को कृषि आयकर कानूनों को लागू करने की शर्त दी है. इसके अंतर्गत करदाता पहचान, पंजीकरण, रिटर्न प्रक्रिया और अनुपालन सुधार के लिए डिजिटल प्रणाली स्थापित करने का निर्देश दिया गया है. यह कार्य जून तक पूरा करना होगा.
ऊर्जा क्षेत्र और आर्थिक रणनीति पर सख्त नजर
ऊर्जा क्षेत्र में चार नई शर्तें लागू की गई हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान को 2027 के बाद की वित्तीय क्षेत्र की रणनीति की रूपरेखा तैयार कर प्रकाशित करनी होगी. IMF चाहता है कि संचालन सुधार की सिफारिशों के आधार पर सरकार एक ठोस कार्य योजना जारी करे.
भारत को मिलेगा बिना शर्त धन, पाकिस्तान चुकाएगा कर्ज
जहाँ IMF पाकिस्तान को 2.4 अरब डॉलर का ऋण किश्तों में दे रहा है, वहीं भारत को बिना लौटाने वाली राशि मिलने जा रही है. अर्थशास्त्रियों के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सरकार को इस साल 36 अरब डॉलर (करीब 3 लाख करोड़ रुपये) का डिविडेंड दे सकता है, जो पिछले वर्ष मिले 2.1 लाख करोड़ रुपये से कहीं अधिक है.
RBI के फायदे: डॉलर सस्ते में खरीदे, महंगे में बेचे
RBI ने अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच 371.55 अरब डॉलर के डॉलर बेचे और 322.68 अरब डॉलर खरीदे. इन सौदों से उसे अच्छा लाभ हुआ. डॉलर की कीमतों में वृद्धि के साथ इसे ऊँचे दाम पर बेचकर मुनाफा कमाया गया. इस मुनाफे में RBI को मिलने वाली फीस भी शामिल है, जिससे सरकार को भारी डिविडेंड मिल सकता है.
निष्कर्ष: एक देश, दो दिशाएं
पाकिस्तान IMF की शर्तों के बोझ तले दबा है, जबकि भारत आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है. जहाँ पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति राजनीतिक अस्थिरता और क्षेत्रीय तनावों से जूझ रही है, वहीं भारत विदेशी मुद्रा भंडार और राजकोषीय अनुशासन के बल पर लाभ की स्थिति में है.
इसे भी पढ़ें : Hyderabad Fire: चारमीनार के पास इमारत में लगी भीषण आग, 17 लोगों की दर्दनाक मौत