जादूगोड़ा: जादूगोड़ा के निवासियों और स्थानीय नेताओं ने यूरेनियम खनन और रेडिएशन के गंभीर दुष्प्रभाव को लेकर चिंता जताई है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता देवेन्द्र नाथ महतो ने बताया कि हर तीन व्यक्ति में एक व्यक्ति किसी न किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है।
महतो ने यह मार्मिक स्थिति इस तरह बयां की कि यूरेनियम को जादूगोड़ा से हैदराबाद ले जाया जाता है, वहां फिल्टरिंग की जाती है और रेडियोधर्मी कचरा वापस जादूगोड़ा में फेंका जाता है। उन्होंने कहा, “मतलब यह हुआ कि केला हैदराबाद में खाया जा रहा है और उसका छिलका झारखंड में वापस फेंका जा रहा है। इस रेडियोधर्मी कचड़े से हर तीन व्यक्ति में एक प्रभावित हो रहा है।”
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देवेन्द्र महतो ने बताया कि नवजात शिशुओं में जन्मजात विकृतियाँ आम हो गई हैं, और आसपास की माताएँ गर्भधारण करने में कठिनाई महसूस कर रही हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यह सब आउट ऑफ कंट्रोल रेडिएशन के कारण हो रहा है और स्थानीय आदिवासी समुदाय के जीवन पर गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।
महतो ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि झारखंड के आदिवासी मूलवासियों के जीवन से खिलवाड़ न किया जाए। उन्होंने कहा, “यह स्थिति दर्दनाक और पीड़ादायक है। सरकार को तुरंत कदम उठाकर रेडिएशन के खतरों को नियंत्रित करना चाहिए और स्थानीय जनता को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पानी और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करनी चाहिए।”
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