रांची: झारखंड राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के संयोजक और भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी जयप्रकाश पांडेय ने झारखंड में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और शोषण को लेकर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने रामगढ़ जिले के पतरातू प्रखंड अंतर्गत घघरा गांव की एक आंगनवाड़ी सेविका के साथ दुष्कर्म और हत्या की निंदा करते हुए इसे राज्य सरकार और प्रशासन की नाकामी बताया है।
पांडेय ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी को पत्र भेजने के साथ मोबाइल पर वार्ता भी की। मंत्री ने तुरंत झारखंड के महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव और निदेशक को कार्रवाई का निर्देश दिया है।
पांडेय ने कहा कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार “लूट और भ्रष्टाचार में डूबी हुई है” और महिलाओं की सुरक्षा पर पूरी तरह विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद राज्य की आदिवासी, एसटी और एससी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि हत्या के विरोध में रामगढ़ और भुरकुंडा की सड़कों पर महिलाओं और बच्चों ने करीब 12 घंटे तक जाम लगाया, लेकिन पुलिस अब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
आंगनवाड़ी सेविका और सहायिकाएं मृतक सेविका के परिवार के लिए न्याय की मांग को लेकर 14 अक्टूबर को रामगढ़ डीसी कार्यालय के सामने धरना और प्रदर्शन करेंगी। पांडेय ने बताया कि संगठन मृतक के आश्रित को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, नौकरी, बच्चों की शिक्षा, पेंशन और ग्रेच्युटी देने की मांग करेगा।
पांडेय ने कहा कि भारत सरकार ने संविदा कर्मियों की न्यूनतम मजदूरी 26,000 रुपये तय की है, लेकिन आंगनवाड़ी सेविकाओं को आज भी न्यूनतम मानदेय नहीं मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट और कई राज्यों के उच्च न्यायालयों ने आंगनवाड़ी कर्मियों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का आदेश दिया है, फिर भी झारखंड सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने कहा कि “अगर सरकारें इस अन्याय को नहीं रोकतीं, तो आने वाले समय में महिलाओं की न्याय यात्रा एक बड़े आंदोलन में बदल जाएगी।”