- पूर्णिया सांसद ने चुनाव आयोग पर लगाया पक्षपात का आरोप, कहा– बीजेपी दफ्तर से तय हुआ बिहार चुनाव कार्यक्रम
- मुख्य चुनाव आयुक्त बोले– ‘पारदर्शिता और निष्पक्षता आयोग की प्राथमिकता’
पटना : 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद राज्य की राजनीति में नया बवंडर खड़ा हो गया है। निर्वाचन आयोग ने बताया कि पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। पहले चरण में 121 और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा। लेकिन इस ऐलान के कुछ घंटे बाद ही पूर्णिया के सांसद और कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने चुनाव आयोग और भाजपा के बीच सांठगांठ का सनसनीखेज आरोप लगाया। यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि “इतना बेशर्म तो कभी चुनाव आयोग नहीं रहा, बीजेपी कार्यालय से चुनाव कार्यक्रम भेजा और ज्ञानेश जी ने पढ़ दिया।” उन्होंने कहा कि “बिहार का बच्चा-बच्चा जानता था कि अधूरे मेट्रो उद्घाटन के बाद ही तारीखें घोषित होंगी।”
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पप्पू यादव बोले– ‘बीजेपी की स्क्रिप्ट पर काम कर रहा आयोग’, सोशल मीडिया पर मचा बवाल
पप्पू यादव ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने निष्पक्षता का भ्रम भी खत्म कर दिया है। उन्होंने कार्यक्रम के शेड्यूल को लेकर भी सवाल उठाया। पहले चरण के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर, जांच 18 अक्टूबर, और नाम वापसी 20 अक्टूबर रखी गई है। जबकि दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर, जांच 21 अक्टूबर, और नाम वापसी की तिथि 23 अक्टूबर तय की गई है। यादव ने इसे राजनीतिक रूप से सोची-समझी रणनीति बताया और कहा कि आयोग ने बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह की तारीखें तय की हैं।
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नामांकन और जांच की तारीखों को लेकर विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
वहीं, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान चलाया, जिससे मतदाता सूची को “स्वच्छ और पारदर्शी” बनाया गया है। उन्होंने कहा कि आयोग की प्राथमिकता शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराना है। कुमार ने यह भी बताया कि डाक मतपत्रों की गिनती मतगणना के अंतिम दो दौर से पहले पूरी कर ली जाएगी, ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।