
रांची: झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को राज्य की नई शराब नीति से जुड़े घोटाले में संलिप्त पाए जाने पर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार कर लिया है. वर्तमान में वे पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव हैं. इससे पहले वे उत्पाद विभाग के सचिव भी रह चुके हैं. गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम उन्हें रांची सेंट्रल जेल शिफ्ट कर रही है.
घंटों पूछताछ, मेडिकल जांच के बाद गिरफ्तारी
आज सुबह करीब 11 बजे एसीबी की टीम विनय चौबे को पूछताछ के लिए अपने साथ कार्यालय लेकर गई थी. वहां कई घंटे तक गहन पूछताछ हुई. इसी दौरान उनकी स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने के लिए मेडिकल टीम को भी बुलाया गया और उनका चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया.
2022 की नई शराब नीति बनी घोटाले की जड़
यह मामला 2022 में लागू हुई झारखंड की नई शराब नीति से जुड़ा है. आरोप है कि इस नीति में कुछ ऐसे संशोधन किए गए, जिनसे छत्तीसगढ़ के शराब कारोबारी और अधिकारियों को सीधा लाभ हुआ. इन लोगों ने मिलकर झारखंड में शराब की आपूर्ति, स्टाफिंग और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए. इस प्रक्रिया से राज्य सरकार को राजस्व में बड़ा नुकसान हुआ, जबकि निजी स्तर पर भारी अवैध कमाई की गई.
छत्तीसगढ़ एसीबी ने की थी पहली एफआईआर
27 सितंबर 2024 को छत्तीसगढ़ की एसीबी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. दर्ज प्राथमिकी में झारखंड के विनय कुमार चौबे सहित कुल सात लोगों को नामजद किया गया. इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में कई ठिकानों पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए.
शिकायत पर दर्ज हुआ मामला, अन्य अधिकारियों के भी नाम
रांची निवासी विकास कुमार की शिकायत के आधार पर 7 सितंबर 2024 को रायपुर में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था. एफआईआर में विनय चौबे के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के सेवानिवृत्त आईएएस अनिल टुटेजा का भी नाम शामिल है.
छत्तीसगढ़ की एसीबी अब झारखंड सरकार से विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांग रही है.
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