
आदित्यपुर: इमली चौक स्थित बजरंगबली मंदिर के प्रांगण में अखाड़ा कमेटी द्वारा आयोजित बैठक में मंदिर के पुजारी को हटाने और लाइसेंसधारी संतोष सिंह के लाइसेंस को रद्द करने सहित तीन प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई।
मंदिर के पुजारी को हटाने का निर्णय
बैठक में कमेटी के सदस्यों ने आरोप लगाया कि मंदिर के पुजारी ने मंदिर के रखरखाव और पूजा में लापरवाही बरती है। विशेष रूप से इस बार मंदिर में स्थित भगवान हनुमान जी की मूर्ति का रंग रोगन नहीं कराया गया, जिसे कमेटी ने एक गंभीर भूल माना। इसके अलावा, पुजारी द्वारा मंदिर में राजनीति किए जाने का आरोप भी लगाया गया। इस पर कमेटी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पुजारी को मंदिर से हटाने और नए पुजारी की नियुक्ति करने का निर्णय लिया।
लाइसेंसधारी संतोष सिंह के खिलाफ कार्रवाई
बैठक में लाइसेंसधारी संतोष सिंह के भाई अजय सिंह द्वारा कमेटी के अनुशासन का उल्लंघन करने, बाहरी लोगों को बैठक में बुलाने, मंदिर और कमेटी को बदनाम करने और राजनीतिक षडयंत्र करने के आरोप लगाए गए। कमेटी ने बताया कि अजय सिंह ने मंदिर और कमेटी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाया और सिर्फ अपने लाइसेंस का लाभ उठाने की कोशिश की। इसके कारण कमेटी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से लाइसेंसधारी संतोष सिंह को हटाने का प्रस्ताव पारित किया।
मंदिर के आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए नया प्रस्ताव
बैठक में मंदिर के रखरखाव, पूजा-पाठ और रामनवमी के जुलूस के लिए एक नया प्रस्ताव भी पारित किया गया। कमेटी ने निर्णय लिया कि मंदिर के प्रांगण में एक दुकान बनाई जाएगी और उसे भाड़े पर दिया जाएगा। इससे प्राप्त होने वाली आय का उपयोग मंदिर के पूजा-पाठ, मरम्मत और रामनवमी के आयोजन के लिए किया जाएगा। यह कदम मंदिर को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उठाया गया है।
अध्यक्ष भागलू सोरेन ने लगाई आरोपों पर सफाई
बजरंग अखंड अखाड़ा कमेटी के अध्यक्ष भागलू सोरेन ने कहा कि वह अनुसूचित जनजाति से आते हैं और उनके ऊपर अजय सिंह द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि इन आरोपों के कारण उन्हें सामाजिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा, जिसका प्रमाण सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ। इसके कारण उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया। सोरेन ने न्यायालय से अजय सिंह के खिलाफ एस.टी/एस.सी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई करने की अपील की।
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