Akhilesh Yadav Aniruddhacharya Video: कृष्ण का पहला नाम नहीं बता पाए कथावाचक अनिरुद्धाचार्य, वायरल वीडियो पर भड़की सांसद प्रिया सरोज

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मथुरा:  वृंदावन के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बीच चल रही वैचारिक खींचतान अब और तेज़ हो गई है. इस वाद-विवाद में अब सपा सांसद प्रिया सरोज की भी मुखर एंट्री हो गई है.

 

सांसद प्रिया सरोज ने किया तीखा हमला
गुरुवार को प्रिया सरोज ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का एक वीडियो सोशल मीडिया मंच X पर साझा किया. उन्होंने वीडियो के साथ टिप्पणी की –
“जब एक बाबा कृष्ण जी का नाम तक बताने में विफल हो जाता है, तो अपनी छवि चमकाने के लिए हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम घसीट कर हिंदू-मुस्लिम का रंग देकर समाज में ज़हर घोलने लगता है.”

उन्होंने कथावाचक से प्रत्यक्ष सवाल किया – “क्या यही सिखाते हैं आप अपने प्रवचनों में?” साथ ही यह भी पूछा कि – “क्या ऐसे प्रवचनों से समाज में समरसता आएगी या टकराव बढ़ेगा?”

आखिर क्या है पूरा विवाद?
इस विवाद की जड़ में दो पुराने वीडियो हैं जो अब तेजी से वायरल हो रहे हैं. कथित तौर पर ये वीडियो ढाई साल पुराने हैं, परंतु अब लोकसभा चुनाव के बाद इन्हें दोबारा उछाला जा रहा है. इसमें दो प्रमुख मुद्दों पर बहस हुई थी:

पहला मुद्दा: श्रीकृष्ण का पहला नाम क्या था?
वीडियो में अखिलेश यादव, अनिरुद्धाचार्य से पूछते हैं – “भगवान कृष्ण का पहला नाम क्या था, जो उनकी मां ने रखा था?”
इस पर अनिरुद्धाचार्य जवाब देते हैं – “वासुदेव नंदन.” अखिलेश फिर जोर देकर कहते हैं कि यह जवाब रिकॉर्ड किया जाए. जब अनिरुद्धाचार्य जवाब स्पष्ट नहीं दे पाते, तो बहस गर्म हो जाती है.

दूसरा मुद्दा: वर्ण व्यवस्था पर मतभेद
दूसरी बहस वर्ण व्यवस्था को लेकर हुई. अनिरुद्धाचार्य ने ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र की व्याख्या दी, जिस पर अखिलेश यादव ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा –
“आइंदा किसी को शूद्र मत कहना.”
अंत में उन्होंने यह कहकर वार्ता खत्म की – “यहीं से हमारा और आपका रास्ता अलग होता है.”

कथावाचक ने दिया पलटवार
इस पूरे प्रकरण पर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने मंगलवार को वृंदावन से प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा – “मैंने जो उत्तर दिया, वह सच था. पर जब वह उत्तर उनके मनमाफिक नहीं था, तो उन्होंने कह दिया – आपका और मेरा रास्ता अलग है.”

उन्होंने आगे कहा – “वह (अखिलेश यादव) मुसलमानों से तो नहीं कहते कि रास्ता अलग है. उनसे तो कहते हैं – तुम्हारा रास्ता ही हमारा रास्ता है. अगर राजनेताओं में ऐसा द्वेष है, तो ये देश का कल्याण कैसे करेंगे?”

PRO ने वीडियो को बताया पुराना
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के पीआरओ अभिषेक ने बताया कि यह वीडियो लगभग ढाई साल पुराना है. यह बातचीत लोकसभा चुनाव 2024 से पहले, वर्ष 2023 में आगरा एक्सप्रेस-वे पर हुई थी. हालांकि तब यह चर्चा में नहीं आया. अब जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, तो अनिरुद्धाचार्य ने उसे लेकर मंगलवार को बयान जारी किया.

 

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