
जमशेदपुर: आज बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आर. डी. टाटा तकनीकी संस्थान, गोलमुरी में मां सरस्वती की पूजा धूमधाम से मनाई गई. इस पावन पर्व पर विद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने मिलकर ज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया.
बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा का महत्व
विद्यालय के संयोजक पल्लवानी ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि यह दिन छात्रों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि मां सरस्वती विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी हैं. इस दिन कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें छात्रों ने भजन, श्लोक पाठ और अन्य प्रस्तुतियों के माध्यम से उत्सव में चार चांद लगाए.
बसंत पंचमी का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
बसंत पंचमी केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति में शिक्षा और ज्ञान की उपासना का प्रतीक भी है. इसका उल्लेख कई पुराणों और ग्रंथों में मिलता है. मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था, जिन्होंने ब्रह्मा जी के सृष्टि निर्माण में योगदान दिया. इसी कारण यह दिन विशेष रूप से शिक्षा, कला और संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.
इतिहासकारों के अनुसार, बसंत पंचमी का त्योहार प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है. यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है. इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करने और पीले रंग के पकवान खाने की परंपरा है, क्योंकि पीला रंग समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.
विद्यालय में आयोजन की तैयारी
NTTF में सुबह से ही पूजा की तैयारियां जोरों पर थीं. विद्यार्थियों ने देवी मां सरस्वती की प्रतिमा को फूलों से सजाया और मंत्रोच्चारण के साथ हवन एवं आरती की गई. स्कूल प्रांगण में भक्तिमय वातावरण बना हुआ था, जिसमें सभी श्रद्धा के साथ सरस्वती वंदना कर रहे थे.
पूरे विद्यालय में एक अलग ही उल्लास का माहौल था. छात्रों ने मां सरस्वती के समक्ष अपनी किताबें, कॉपियां और वाद्य यंत्र रखकर आशीर्वाद मांगा. इसके बाद, विद्यालय में विशेष भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने अपने सुरों से मां सरस्वती की महिमा गाई.
अंतिम प्रसाद वितरण और प्रेरणा
अंत में सभी विद्यार्थियों को प्रसाद वितरण किया गया और संयोजक ज्योति ने बच्चों को यह प्रेरणा दी कि वे मां सरस्वती के आशीर्वाद से अपने जीवन में ज्ञान और सद्गुणों का संचार करें.
बसंत पंचमी और विद्यार्थियों के लिए इसका महत्व
शिक्षा का शुभारंभ: इस दिन छोटे बच्चों को अक्षर लेखन कराकर शिक्षा की शुरुआत कराई जाती है, जिसे ‘विद्यारंभ संस्कार’ कहते हैं.
शुभ कार्यों के लिए उत्तम दिन: बसंत पंचमी को पूरे साल के पहले शुभ दिन के रूप में भी माना जाता है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है.
विद्यार्थियों के लिए विशेष पर्व: मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है, इसलिए छात्र इस दिन विशेष रूप से उनकी पूजा करते हैं ताकि वे अपने अध्ययन में सफलता प्राप्त कर सकें.
NTTF में मनाई गई सरस्वती पूजा ने न केवल छात्रों बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों को भी आध्यात्मिक रूप से जोड़ दिया. यह आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि ज्ञान और शिक्षा के प्रति समर्पण का प्रतीक भी बना. इस पर्व ने विद्यालय के प्राचार्य प्रीता जॉन, अप प्राचार्य रमेश राय, पलवानी, ज्योति, स्मृति, शिल्पा, नीतीश कुमार, शिव प्रसाद, दीपक ओझा, पंकज कुमार गुप्ता एवं अन्य सभी को एक साथ लाया.