
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर हलचल तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इस बार बिहार में सक्रिय भूमिका निभाते हुए 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रखी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाल ही में बिहार दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की और झामुमो की तैयारियों के साथ सीटों की दावेदारी पर चर्चा की।
किन सीटों पर है दावा
झामुमो ने जिन सीटों पर दावेदारी जताई है, उनमें कटोरिया, चकाई, ठाकुरगंज, कोचाधामन, रानीगंज, बनमनखी, धमदाहा, रुपौली, प्राणपुर, छातापुर, सोनवर्षा, झाझा, रामनगर, जमालपुर, तारापुर और मनिहारी शामिल हैं।
पहले पार्टी ने 16 सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन अब संभावना है कि कम से कम 12 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि महागठबंधन में झामुमो की हिस्सेदारी तय हो चुकी है और पार्टी को उसकी क्षमता और सम्मान के अनुसार सीटें मिलेंगी।
गठबंधन की चुनौती
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन में पहले से मौजूद राजद और कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियां अपनी सीटें आसानी से नहीं छोड़ेंगी। ऐसे में झामुमो को 1-2 से अधिक सीटें मिलना मुश्किल हो सकता है। पिछले चुनाव में तो झामुमो को गठबंधन में एक भी सीट नहीं दी गई थी। वजह यह बताई गई थी कि बिहार में झामुमो का संगठन और वोट बैंक मजबूत नहीं है।
इसे भी पढ़ें : चीन+1 स्ट्रैटेजी पर UP का बड़ा दांव, 200 विदेशी कंपनियों से चल रही है बातचीत