पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद को एक और बड़ा झटका लगा है। नवादा से विधायक विभा देवी और रजौली (सुरक्षित) से विधायक प्रकाश वीर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। दोनों ने अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को सौंप दिया।
इससे पहले राजद के विधायक संगीता कुमारी, भरत बिंद और चेतन आनंद भी पार्टी छोड़ चुके हैं। अब लगातार हो रहे इस्तीफों से लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद से ही दोनों विधायक पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। उनकी नाराजगी तब खुलकर सामने आई जब वे गया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के मंच पर नजर आए। उस वक्त ही यह अटकलें तेज हो गई थीं कि दोनों जल्द एनडीए में शामिल हो सकते हैं।
विभा देवी पूर्व मंत्री राजवल्लभ यादव की पत्नी हैं। उन्होंने 2020 में नवादा से राजद के टिकट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 2025 के लोकसभा चुनाव में राजद ने श्रवण कुशवाहा को टिकट दिया, जिससे वे नाराज हो गईं। विभा देवी का कहना है कि पार्टी के कुछ नेताओं ने उनके परिवार के खिलाफ झूठे आरोप लगाए और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की। उन्होंने कहा— “मैं राजनीति में अपना सम्मान बेचकर नहीं आई हूं। जब तेजस्वी के करीबी लोगों ने मुझसे पैसे की मांग की और मैंने देने से इनकार किया, तभी से मेरे खिलाफ साजिशें शुरू हो गईं।”
अब माना जा रहा है कि विभा देवी नवादा सीट से भाजपा या जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं।
रजौली से विधायक प्रकाश वीर दलित समुदाय से आते हैं और 2015 में पहली बार विधायक बने थे। अगस्त में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें राजद कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे— “ओ तेजस्वी भैया… प्रकाश वीर को हटाना होगा।” इसके बाद से ही उनके भाजपा में जाने की चर्चा तेज हो गई थी।
2020 के विधानसभा चुनाव में नवादा और रजौली, दोनों सीटें राजद ने एनडीए से छीनी थीं। इन दोनों क्षेत्रों में दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वोटों ने पार्टी को मजबूती दी थी। अब इन्हीं सीटों से दो विधायक के पार्टी छोड़ने से मगध क्षेत्र में राजद की पकड़ कमजोर पड़ सकती है।