
रांची: झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान बीजेपी विधायकों ने राज्य में महानवमी पर्व के दौरान खुले में बिकने वाले मांस और मछली पर बैन लगाने की मांग उठाई है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस पर्व के दौरान हिंदू समाज की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, क्योंकि सड़क किनारे खुले में मांस-मछली बिकने से धार्मिक भावनाएं प्रभावित होती हैं.
बीजेपी की मांग: प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की अपील
बीजेपी विधायक उज्जवल दास ने सदन में कहा कि महानवमी पर्व हिंदुओं के लिए एक असीम आस्था और हर्ष उल्लास का पर्व है. ऐसे में, इस पर्व के दौरान खुले में बिकने वाले मांस-मछली पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने प्रशासन से मांग की कि बिना किसी देरी के मांस और मछली बेचने वाली दुकानों को बंद किया जाए.
सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया: इरफान अंसारी का बयान
इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष के मंत्री इरफान अंसारी ने बीजेपी की मांग पर पलटवार करते हुए कहा, “जिसको खाना है, वह खाए, नहीं खाना तो मत खाओ. बीजेपी की मानसिकता गिरावट की ओर जा रही है. यह कोई मुद्दा नहीं है. असली मुद्दे तो रोजगार, स्टोर मार्केट का गिरना आदि हैं, जिन पर मोदी सरकार का ध्यान नहीं है.”
बीजेपी विधायक का पलटवार: नवरात्रि में शुद्धता का पालन
बीजेपी विधायक उज्जवल दास ने इरफान अंसारी के बयान का विरोध करते हुए कहा, “नवरात्रि शुद्धता और सादगी का त्योहार है. जो बीजेपी कहती है, वही करती है. इरफान जी इस मामले में रोड़ा न बनें.”
इरफान अंसारी का जवाब: मांसाहार पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए
मंत्री इरफान अंसारी ने आगे कहा, “बीजेपी की मानसिकता इतनी गिर सकती है, यह कभी सोचा नहीं था. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमें हास्यास्पद बना दिया है. मांस-मछली में क्या दिक्कत है? जो खाए, खाए, जो नहीं खाए, वह न खाए. यह कोई मुद्दा ही नहीं होना चाहिए. अगर बीजेपी कह रही है तो हम प्रतिबंध लगा देंगे, इसमें क्या है?”
बीजेपी विधायक मीरा यादव की राय: यह व्यक्तिगत विचार का मामला है
बीजेपी विधायक मीरा यादव ने भी इस विवाद पर अपनी बात रखते हुए कहा, “नवरात्रि में ज्यादातर सनातनी मांसाहारी भोजन का त्याग करते हैं. यह उनकी व्यक्तिगत इच्छा है कि कौन क्या खाना चाहता है. यह एक विचार का मामला है, किसी पर कोई बल नहीं डाला जा सकता.”
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