
चाईबासा: भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान और योगदान को देशव्यापी स्तर पर प्रसारित करने के उद्देश्य से भाजपा द्वारा चलाए जा रहे जनजागरण अभियान के तहत चाईबासा में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पंचतीर्थ की स्थापना, संविधान दिवस की मान्यता और बाबा साहब को भारत रत्न देने जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई.
अंबेडकर को मिला सम्मान देर से, समाज तक नहीं पहुँचे उनके विचार
संगोष्ठी में वक्ताओं ने यह विचार रखा कि डॉ. अंबेडकर को देश में वह सम्मान देर से मिला जिसके वे अधिकारी थे. उनके विचारों को एक सीमित दायरे तक सीमित कर दिया गया, जिससे समाज का बड़ा हिस्सा उनकी समावेशी सोच से वंचित रह गया.
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने रखा संविधान की आत्मा का मुद्दा
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि भारतीय संविधान में समता और न्याय की भावना को मजबूत करने की आवश्यकता आज भी बनी हुई है. उन्होंने बताया कि बीते दशकों में कई व्यवस्थाएं ऐसी बनीं, जो संविधान की भावना से मेल नहीं खाती थीं. वर्तमान सरकार की ओर से पंचतीर्थों की स्थापना और संविधान दिवस की शुरुआत सकारात्मक पहलें हैं.
गीता कोड़ा ने उठाई व्यवहारिक बदलाव की बात
पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि अंबेडकर के विचारों को व्यवहार में उतारने की दिशा में अभी भी लंबा रास्ता तय करना बाकी है. उन्होंने नीतिगत प्राथमिकता और लोकतंत्र को मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया.
अन्य वक्ताओं की टिप्पणियाँ
पूर्व मंत्री बंडकुंवर गागराई ने समानता के अधिकार को व्यवहारिक धरातल पर लागू करने की आवश्यकता बताई.
प्रदेश प्रवक्ता जे. बी. तुबिद ने भाजपा के दृष्टिकोण ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ को संविधान की भावना के अनुरूप बताया.
जिला अध्यक्ष संजय पांडे ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता बाबा साहब की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाने के लिए समर्पित हैं.
पूर्व विधायक गुरुचरण नायक ने अंबेडकर के विचारों को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल करने पर जोर दिया.
सनी पासवान ने संवैधानिक अधिकारों की जागरूकता को सामाजिक मुक्ति का माध्यम बताया.
गीता बालमुचू ने नागरिकों से संविधान की रक्षा और बाबा साहब के विचारों के प्रचार का आह्वान किया.
कार्यक्रम की शुरुआत श्रद्धांजलि और प्रस्तावना पाठ से
संगोष्ठी की शुरुआत भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई. इसके पश्चात संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया गया.
उपस्थित रहे भाजपा के अनेक कार्यकर्ता
इस अवसर पर मालती गिलुवा, रूपा दास, हेमंती विश्वकर्मा, दीपक सिंह, हेमंत केसरी, चंद्र मोहन तियु, हर्ष रवानी, राकेश पोद्दार, दिलीप साव, अनंत सयनम, पवन शर्मा, मंगल हेंब्रम, महेंद्र गोप, रामानुज शर्मा, रविशंकर विश्वकर्मा, मुकेश सिंह, जूली खत्री, बिरजू रजक, गुल्लू कुमार, गंगा काँरवा, अक्षय खत्री, प्रफुल्ल महाकुड़, दुर्गा चरण नाग, अनिल दास, पप्पू महतो, जय किशन बिरूली, वीरेंद्र कुमार सिंह, रोहित दास, अशोक कुमार तुम्बिल, मुकेश दास समेत अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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