
चाईबासा: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के निर्देशानुसार प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए), पश्चिम सिंहभूम मोहम्मद शाकिर ने चाईबासा स्थित विभिन्न बाल कल्याण संस्थानों का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने छाया बालिका गृह, बाल कुंज, विशेष विद्यालय आशा किरण व प्रेरणा और संप्रेषण गृह का निरीक्षण किया.
बच्चों के साथ संवाद, अधिकारियों से बातचीत
न्यायाधीश शाकिर ने इन संस्थानों में निवासरत बच्चों से संवाद किया. बच्चों के बीच मिठाइयां बांटी गईं और उनके रहन-सहन की स्थिति को नजदीक से परखा गया. उन्होंने बाल गृहों के अधीक्षकों से विस्तार से चर्चा कर संस्थागत प्रबंधन, संसाधनों और चुनौतियों की जानकारी ली.
सेवा में नहीं हो कोई चूक
शाकिर ने स्पष्ट किया कि बच्चों के पालन-पोषण में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी. यदि किसी तरह की समस्या उत्पन्न हो, तो संबंधित अधिकारी सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशों के तहत ऐसे संस्थानों का नियमित दौरा जारी रहेगा.
बाल कल्याण समिति और अधिकारियों को निर्देश
प्रधान जिला न्यायाधीश ने बाल कल्याण समिति एवं बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों को बच्चों की देखरेख, सुरक्षा और मानसिक विकास को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि यह संस्थाएं केवल आवास नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य का निर्माण केंद्र हैं.
संप्रेषण गृह में भी किया संवाद
संप्रेषण गृह में भी उन्होंने बच्चों से बातचीत की और उनके अनुभवों को जाना. उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ समय बिताना एक आत्मिक अनुभव है और उनके समग्र कल्याण के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
कार्यक्रम में उपस्थित रहे अधिकारी
इस अवसर पर डीएलएसए सचिव रवि चौधरी, प्रधान दंडाधिकारी किशोर न्याय परिषद सुप्रिया रानी तिग्गा, संप्रेषण गृह अधीक्षक खुशेंद्र सोनकेसरी, प्राधिकार सदस्य विकास दोदराजका, बाल कल्याण समिति सदस्य अमित पति, जयदू करजी, मो. शमीम, छाया बालिका गृह अधीक्षिका नरगिस खातून, डीपीओ पुनीता तिवारी, जे.जे.बी. सदस्य संजय बिरुआ सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.
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