
चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गौरवगाथा को श्रद्धांजलि स्वरूप विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई. यह यात्रा सुपलसाईं चौक से प्रारंभ होकर पोस्ट ऑफिस चौक तक पहुंची. शुरुआत धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई. यात्रा के दौरान हजारों नागरिकों ने हाथों में तिरंगा लिए भारत माता की जय और वंदे मातरम् जैसे नारों से शहर के वातावरण को देशभक्ति से भर दिया.
तपती धूप में भी नहीं रुकी देशभक्ति की लहर
तेज धूप के बावजूद जनसैलाब उमड़ पड़ा. बच्चों से लेकर वृद्धों तक, हर आयु वर्ग के लोग इस यात्रा में बढ़-चढ़कर शामिल हुए. यात्रा ने यह दर्शा दिया कि भारतवासियों की देशभक्ति किसी मौसम या परिस्थिति की मोहताज नहीं.
वीरों को दी गई श्रद्धांजलि, शहीद राम भगवान को किया गया स्मरण
यात्रा का समापन पोस्ट ऑफिस चौक पर हुआ, जहां वीर सैनिकों का सम्मान किया गया. शहीद राम भगवान कर्केटा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई. इस अवसर पर देशवासियों ने संकल्प लिया कि वे भारत की रक्षा और अस्मिता की लड़ाई में सदैव साथ रहेंगे.
“ऑपरेशन सिंदूर स्थगित है, समाप्त नहीं”
कार्यक्रम के मंच से स्पष्ट संदेश दिया गया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी थमा है, पर खत्म नहीं. आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई अनवरत जारी रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सेना ने यह प्रमाणित कर दिया है कि वह न केवल सीमाओं की रक्षक है, बल्कि राष्ट्रीय अस्मिता की प्रहरी भी है.
राजनीतिक, सामाजिक और व्यावसायिक प्रतिनिधियों की रही भागीदारी
इस कार्यक्रम में अनेक जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता व संगठनों की उपस्थिति रही. प्रमुख अतिथियों में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई, पूर्व सांसद गीता कोड़ा, भाजपा प्रवक्ता जे.बी. तुबिद, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव नीरज संदवार, अध्यक्ष संजय पांडे, गीता बलमुचू, सतीश पुरी, अनूप सुल्तानिया, चंद्र मोहन तिउ, पवन शर्मा, राकेश पोद्दार रूपा, जय गिरि गोस्वामी, संजू तिर्की, नवीन गुप्ता, राकेश बबलू शर्मा, रामानुज शर्मा, संतोष सिंह, बिरजू रजक आदि शामिल थे.
अनेक संगठनों ने निभाई सक्रिय भूमिका
इस जनजागरूकता अभियान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, चाईबासा मारवाड़ी सभा, पश्चिमी सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स, हिन्दू जागरण मंच, जायंट्स ग्रुप, विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दल, लायंस क्लब चाईबासा, विश्वकर्मा समाज, उरांव समाज, तुरी समाज, निषाद समाज, बंगाली सेवा समिति और विरांगना वाहिनी जैसे संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही. हजारों देशभक्तों की सहभागिता ने यह प्रमाणित कर दिया कि राष्ट्रभक्ति आज भी जनमानस में गहराई से रची-बसी है.
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