गुवा: गुवा सेल खदान में वर्षों से चले आ रहे एक महत्वपूर्ण विवाद पर एएलसी कोर्ट चाईबासा ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने स्पष्ट किया कि सेवानिवृत्त सेल कर्मियों को ग्रेच्युटी का भुगतान क्वार्टर खाली करने की शर्त से नहीं जोड़ा जा सकता।
गुवा स्थित सेल खदान में लंबे समय से यह प्रथा चली आ रही थी कि यदि कोई सेवानिवृत्त कर्मचारी समय पर सेल का आवास खाली नहीं करता, तो प्रबंधन उसकी ग्रेच्युटी राशि रोक देता था। इसे कर्मचारी मनमानी और नियम-विरुद्ध मानते थे।
इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था के खिलाफ गुवा के पाँच सेवानिवृत्त कर्मचारी— विश्वकेशन महापात्रो, नवीदत्त महापात्रो, मंगल तुबिद, सोमरा मिंज और हरिपदो दास ने एएलसी कोर्ट चाईबासा में मामला दर्ज किया था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मुद्दे की गंभीरता को स्वीकार किया।
अपने निर्णायक आदेश में अदालत ने कहा ग्रेच्युटी किसी भी परिस्थिति में क्वार्टर खाली करने से नहीं जोड़ी जा सकती। सेल प्रबंधन सभी प्रभावित कर्मियों की बकाया ग्रेच्युटी तुरंत जारी करे। जितने दिनों तक राशि रोकी गई, उस अवधि के लिए 10% ब्याज जोड़कर भुगतान किया जाए।
फैसले के बाद गुवा सेल कर्मियों में उत्साह देखा गया। सेवानिवृत्त कर्मियों ने इसे अपनी बड़ी जीत और न्यायिक प्रणाली में विश्वास बढ़ाने वाला कदम बताया।उनका कहना है कि कोर्ट का यह आदेश भविष्य में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल बनकर रहेगा।