गुवा: गुवा क्षेत्र में सेल गुवा के मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) बने चंद्रभूषण कुमार को लेकर स्थानीय लोगों में खुशी और उत्साह का माहौल है। उनके पदभार संभालने के बाद लोगों को उम्मीद है कि गुवा माइंस का विकास तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
साक्षात्कार में मुख्य महाप्रबंधक चंद्रभूषण कुमार ने कहा कि सेल बोलानी के बाद उत्पादन के मामले में सेल गुवा का विशेष स्थान है। भारत सरकार के निर्देशों के तहत सेल का उद्देश्य सिर्फ उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि देश के विकास में योगदान देना है। उन्होंने कहा कि उत्पादन और डिस्पैच के कार्य से देश की प्रगति को गति मिलती है और इसी लक्ष्य के लिए कंपनी निरंतर काम कर रही है।
चंद्रभूषण कुमार के अनुसार सेल गुवा माइंस के विस्तारीकरण और विकास के लिए कई नई परियोजनाएँ चल रही हैं। इनमें पिलेट प्लांट, बेनिफिशियल प्लांट तथा स्लरी प्लांट शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लौह अयस्क की देश में कमी नहीं होनी चाहिए और इसी लक्ष्य के लिए सेल प्रबंधन योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सेल एक लाभ कमाने वाली कंपनी से अधिक “देश सेवा की संस्था” है, जो उत्पादन के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों के विकास में भी सक्रिय भूमिका निभाती है। माइंस के विस्तार का प्लान इस तरह तैयार किया जा रहा है कि पेड़ों की कटाई न हो।
चंद्रभूषण कुमार ने अपने करियर के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने सबसे पहले 1995 में सेल बोलानी से अपनी सेवा शुरू की। 2007 से अप्रैल 2025 तक वे सेल गुवा में महाप्रबंधक (यांत्रिकी) के रूप में कार्यरत रहे। इसके बाद मई से अक्टूबर 2025 तक उन्होंने सेल किरीबुरु में मुख्य महाप्रबंधक (यांत्रिकी) के रूप में सेवा दी। नवंबर में उनका पुनः स्थानांतरण गुवा किया गया, जहाँ अब वे सेल गुवा और सेल चिड़िया—दोनों माइंस के मुख्य महाप्रबंधक के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 2007 से 2018 के बीच सेल गुवा प्रबंधन के मार्गदर्शन में पुराने उपकरणों को हटाकर नई मशीनें लगाई गईं, ताकि श्रमिक सुरक्षित, सहज और नियमित रूप से काम कर सकें। यह बदलाव माइंस के आधुनिकीकरण की मजबूत नींव बना है।
बिहार के छपरा निवासी चंद्रभूषण कुमार ने आईएसएम धनबाद से माइनिंग इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। उन्होंने बताया कि सेल ने वित्त वर्ष 2024 में अब तक का सर्वाधिक वार्षिक उत्पादन और बिक्री दर्ज की है। साथ ही कंपनी बैराबी–सैरांग रेलवे परियोजना जैसे राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा कार्यों में भी इस्पात की महत्वपूर्ण आपूर्ति कर रही है।
सेल आज भारत में लौह अयस्क का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो कंपनी की मजबूती और सतत विकास को दर्शाता है।
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