चांडिल: सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र में स्थित शांखा नदी के पास, विशेषकर सिंदूरपुर, मुरू और तिलाईटांड गांवों के समीप, रात के अंधेरे में अवैध बालू खनन और परिवहन जारी है।
स्थानीय लोगों और अधिकारियों के अनुसार, यह खनन न केवल जिला प्रशासन के आदेशों की अवहेलना है, बल्कि ग्रामीणों और सक्रिय निगरानी दल की चेतावनी के बावजूद हो रहा है।
18 नवम्बर को ईचागढ़ थाना क्षेत्र के डुमटांड में अवैध बालू खनन और परिवहन को रोकने के लिए झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष और सैकड़ों ग्रामीण मैदान में उतरे थे। इस दौरान हनुमानगढ़ हाइवा द्वारा अवैध बालू परिवहन करने वालों से खूनी संघर्ष भी हुआ।
21 नवम्बर को जिले में अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए जिला स्तरीय माइनिंग टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त नितिश कुमार सिंह ने की थी।
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बैठक में निम्नलिखित निर्देश दिए गए थे:
संवेदनशील खनन क्षेत्रों में नियमित औचक निरीक्षण अभियान।
मिलन चौक और तिरुलडीह समेत प्रमुख चेकपोस्ट पर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की निरंतर तैनाती।
खनिज परिवहन में संलग्न वाहनों की सामग्री को पूरी तरह ढककर और सुरक्षित रखना।
किसी भी अवैध खनन-संबंधी सूचना पर अंचलाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी और थाना प्रभारी के नेतृत्व में संयुक्त कार्रवाई दल बनाना।
पर्याप्त पुलिस बल के साथ गोपनीय छापामारी और निगरानी तेज करना।
पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुणायत ने भी निर्देश दिए कि अवैध खनन में संलिप्त व्यक्तियों और वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इन सभी निर्देशों के बावजूद, नीमडीह थाना क्षेत्र में शांखा नदी पर अवैध बालू कारोबारियों द्वारा रात के अंधेरे में, भोर के लगभग चार बजे तक खनन और परिवहन जारी है। इससे स्पष्ट होता है कि प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए बालू कारोबारियों ने कानून को नजरअंदाज कर दिया है।
स्थानीय लोग और पर्यावरण कार्यकर्ता चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यदि ऐसे अवैध कार्यों को नहीं रोका गया, तो नदी का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होगा, सड़क सुरक्षा खतरे में पड़ेगी और आसपास के ग्रामीणों के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।