
चांडिल: जदयू के प्रदेश संयोजक शैलेन्द्र महतो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ईचागढ़ विधायक सविता महतो और पूर्व प्रत्याशी हरेलाल महतो पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि झीमड़ी गांव की पीड़िता को लेकर चांडिल अनुमंडल प्रशासन को कठोर कार्रवाई के निर्देश नहीं देना विधायक के मूक और निष्क्रिय चरित्र को दर्शाता है. ऐसे गूंगे प्रतिनिधि जनसेवा के काबिल नहीं हैं.
‘हरेलाल महतो सिर्फ चुनावी व्यवसाय में रुचि रखते हैं’
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रत्याशी हरेलाल महतो भी अब तक पीड़िता के परिवार से मिलने नहीं पहुँचे. उनका मकसद सिर्फ चुनाव जीतना और अपना निजी व्यवसाय सुरक्षित रखना है. दोनों ही जनप्रतिनिधि कुड़मी (महतो) समुदाय से आते हैं, लेकिन न तो ये हिंदू समाज के पक्षधर हैं और न ही कुड़मी हितैषी.
‘जनता के नाम पर राजनीति, जनहित से दूरी’
महतो ने दोनों नेताओं को स्वार्थी बताते हुए कहा कि वे जनता के नाम पर केवल अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत कर रहे हैं, लेकिन पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कोई सार्थक पहल नहीं कर रहे.
डीजीपी व सांसद से संपर्क की बात कही
शैलेन्द्र महतो ने कहा कि वह पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए डीजीपी, डीआईजी और एसपी से शीघ्र बात करेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री एवं सांसद संजय सेठ को फोन पर घटना की जानकारी दी है और मांग की है कि निर्दोष हिंदू समाज के लोगों को जेल न भेजा जाए.
प्रशासन पर भी पक्षपात का आरोप
शैलेन्द्र महतो ने जिला प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई तो जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा. उन्होंने सवाल उठाया कि जब पीड़िता का मेडिकल परीक्षण और न्यायालय में बयान हो चुका है, तो अब तक उसे परिजनों को क्यों नहीं सौंपा गया?
झीमड़ी में बाबर खान को बैठक की अनुमति किसने दी?
महतो ने झीमड़ी में बाबर खान को धारा 163 के बीच बैठक करने की अनुमति किस अधिकारी ने दी, इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की कार्यशैली संदेह के घेरे में है और जनता अब जागरूक हो चुकी है.
इसे भी पढ़ें : Breaking News Jamshedpur: सुबह-सुबह खून से लथपथ मिला शव, अवैध संबंध की आशंका – पत्नी से हो रही पूछताछ