
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए स्नातक प्रोग्राम में दाखिले की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. अब, बारहवीं में पढ़े गए विषय और सीयूईटी यूजी (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) के विषयों में 50 फीसदी समानता होना अनिवार्य होगा. इसका मतलब है कि जो विषय आपने बारहवीं कक्षा में पढ़ा है, वही विषय यदि सीयूईटी यूजी में है, तो उसी विषय में प्रवेश के अधिक अवसर होंगे.
सीयूईटी यूजी के विषयों में समानता
यदि बारहवीं में पढ़ा गया विषय सीयूईटी यूजी के विषयों में नहीं है, तो उम्मीदवार को उस विषय से संबंधित भाषा डोमेन के विशिष्ट विषय में परीक्षा देनी होगी, जो बारहवीं के विषय से मेल खाता हो. विषयों में समानता का निर्धारण दिल्ली विश्वविद्यालय करेगा, और इस मामले में विश्वविद्यालय का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा.
विषय चयन और दाखिला प्रक्रिया में बदलाव
नई प्रक्रिया के तहत, उम्मीदवार को सीयूईटी यूजी में उसी विषय में परीक्षा देनी होगी, जो उसने बारहवीं में पढ़ा है. यदि सीयूईटी यूजी में वह विषय उपलब्ध नहीं है, तो उम्मीदवार को ऐसा विषय चुनना होगा जो उनके बारहवीं के विषय से 50 फीसदी समान हो. इस निर्णय का अधिकार दिल्ली विश्वविद्यालय के पास रहेगा.
उदाहरण के तौर पर
मान लीजिए, यदि किसी छात्र ने बारहवीं में जैव रसायन शास्त्र (Biochemistry) का अध्ययन किया है, तो उसे सीयूईटी यूजी 2025 में जीवविज्ञान (Biology) विषय में परीक्षा देनी होगी. इस प्रकार, विषयों में समानता निर्धारित करने का अंतिम निर्णय डीयू करेगा.
सीयूईटी यूजी और सीट आवंटन प्रणाली
सीयूईटी यूजी के परिणामों के बाद, छात्रों का दाखिला दिल्ली विश्वविद्यालय की सामान्य सीट आवंटन प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा. इसके लिए छात्रों को आवेदन करना होगा और सीट आवंटन से संबंधित विवरण डीयू की वेबसाइट पर अलग से प्रकाशित किए जाएंगे.
सीयूईटी में अनुपस्थित रहने पर क्या होगा?
यदि कोई छात्र सीयूईटी यूजी, आवश्यक भाषाओं, डोमेन विशिष्ट विषयों या सामान्य योग्यता परीक्षा में भाग नहीं लेता है, तो उसका दाखिला नहीं किया जाएगा. यह इसलिए है क्योंकि डीयू में दाखिला केवल सीयूईटी स्कोर के आधार पर ही होगा.
इसे भी पढ़ें : Deoghar : गिरिडीह में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण, अशांति फैलाने वालों पर हो सख्त कार्रवाई : रघुवर दास