देहरादून: हमेशा पत्थरों से ढकी और सूखी रहने वाली देहरादून की नदियां मंगलवार को प्रलय का रूप लेकर बह निकलीं। आसमान से बरसे पानी ने इन नदियों को उफान पर ला दिया और देखते ही देखते घाटी में तबाही मचा दी।
ऋषिकेश की चंद्रभागा, जाखन और सौंग नदी में तेज बहाव ने किनारे के लोगों को दहला दिया। विकासनगर की आसन नदी में आई बाढ़ ने आठ लोगों की जान ले ली, जबकि चार अब भी लापता हैं। मोंठ नदी के तेज प्रवाह ने पुल को क्षतिग्रस्त कर दिया, वहीं सुवर्णा नदी का उफान भी लोगों को हैरान कर गया।
तमसा नदी में हाहाकार
देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में बहने वाली तमसा नदी ने भयावह रूप ले लिया। गुफा तक जाने वाला पुल दूसरी बार पूरी तरह बह गया।
भगवान शिव की पीतल की प्रतिमा पानी में डूब गई। 25 फीट ऊंची हनुमानजी की प्रतिमा तक पानी पहुंच गया। दशकों पुराना नंदा की चौकी का पुल भी तेज बहाव में टूटकर बह गया।
रिस्पना, नून और बिंदाल का डर
रिस्पना नदी तीन शव अपने साथ बहाकर ले गई। तेज धार ने कई घर और पुल बहा दिए।
नून नदी के पानी ने एकादश मंदिर परिसर का बड़ा हिस्सा डुबो दिया।
बिंदाल और दुल्हनी नदी का उफान आसपास की बस्तियों में भय का माहौल बना रहा।
तबाही का मंजर
लोगों ने बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी में इन नदियों को इतना उफान पहले कभी नहीं देखा। पत्थरों और सूखे तल से भरी ये नदियां अचानक ऐसी मौत की धाराओं में बदल गईं कि पूरा इलाका दहशत में आ गया।
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