
मिथिलांचलवासी बाबा बैद्यनाथ को बहनोई मानते हैं
देवघर : बसंत पंचमी के मौके पर सोमवार को द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ कामना लिंग के दरबार में आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा. इस दौरान मिथिलांचल से आए शिव भक्तों ने बाबा बैद्यनाथ का तिलक किया और एक-दूसरे के साथ मंदिर प्रांगण में अबीर-गुलाल के साथ होली खेली. मिथिलांचलवासी बाबा बैद्यनाथ को बहनोई मानते हैं और हर साल बसंत पंचमी के मौके पर उनका तिलक करने के लिए पैदल सुल्तानगंज से जल लेकर देवघर पहुंचते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. ऐसी मान्यता है कि बाबा बैद्यनाथ का तिलक करने के बाद ही मिथिलांचल में होली की शुरुआत हो जाती है. सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में बाबा का पेट खुलते ही सबसे पहले कांचा जल पूजा हुई. इसके बाद सरकारी पूजा के बाद आम भक्तों के लिए बाबा का पट खोल दिया गया. बसंत पंचमी पर बाबा बैद्यनाथ की विशेष पूजा अर्चना की गई. बाबा को अबीर-गुलाल चढ़ाया गया. साथ ही उन्हें मालपुआ का विशेष भोग लगाया गया.
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फाल्गुन पूर्णिमा तक शिव-पार्वती को चढ़ेगा अबीर-गुलाल
बसंत पंचमी से बाबा बैद्यनाथ एवं मां पार्वती को फाल्गुन पूर्णिमा तक अबीर-गुलाल चढ़ाया जाएगा. उधर, बसंत पंचमी पर पूजा अर्चना करने के लिए शिव भक्तों की कतार बाबा मंदिर से निकलकर 2 किलोमीटर दूर जलसार पार्क तक पहुंच गई थी. श्रद्धालुओं को सुविधा पूर्वक जलार्पण करवाने के लिए प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डीसी विशाल सागर, मंदिर प्रभारी सह सदर एसडीओ रवि कुमार समेत पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला मुस्तैद दिखा.
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