
देवघर रेडक्रॉस भवन में किडनी जांच शिविर का आयोजन
देवघर : इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी, देवघर एवं आईपीसी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में रेडक्रॉस भवन में दो दिवसीय किडनी सम्बन्धित स्वास्थ जांच शिविर का आयोजन किया गया. शिविर का उद्घाटन एसडीओ सह रेडक्रॉस सोसायटी के उपाध्यक्ष रवि कुमार, देश के जाने-माने किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ विवेकानंद झा, रेडक्रॉस के चेयरमैन जितेश राजपाल, कोषाध्यक्ष राजकुमार बरनवाल, द्वारा सामूहिक रूप से किया गया. कार्यकारिणी सदस्य संजय मिश्रा, सुधांशु शेखर बरनवाल, आनंद शाह, विजय प्रताप सनातन द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया.
इसे भी पढ़ें : Naihati: जमशेदपुर एफसी ने अंडर-17 एलीट लीग में यूनाइटेड स्पोर्ट्स को 5-0 से किया पराजित
देवघर गिने चुने ही किडनी रोग विशेषज्ञ
रेडक्रॉस के चेयरमैन जितेश राजपाल ने कहा कि देवघर आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत तरक्की कर चुका है, लेकिन वर्तमान समय में शहर में किडनी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की भारी कमी है. देवघर में ऐसे सैंकड़ों मरीज हैं, जो डायलिसिस के सहारे अपना जीवन जी रहे हैं, लेकिन अगर यहां बेहतर नेफ्रोलॉजिस्ट आ जाएं तो ऐसे मरीजों की तकलीफ बहुत हद तक कम हो जाएगी. उन्होंने डॉ विवेकानंद झा के कार्यक्रम में आने तथा अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने आश्वस्त किया कि रेडक्रॉस आम जनमानस के सेवा कार्य हेतु सदैव पूरी समर्पण और निष्ठा के साथ इसी प्रकार प्रयासरत रहेगा.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : झारखंड की परंपरा व संस्कृति का गवाह बना गोपाल मैदान, विशाल टुसू मेला में उमड़े हजारों लोग
रेड क्रॉस के कार्य प्रशंसनीय : एसडीओ
मौके पर एसडीओ रवि कुमार ने कहा कि ऐसे आयोजन करने हेतु रेडक्रॉस की पूरी टीम का बहुत बहुत आभार. निःसंदेह रेडक्रॉस द्वारा किए जा रहे विभिन्न सामाजिक कार्य प्रशंसनीय है. जिला प्रशासन और राज्य सरकार पूर्ण रूप से जिलेवासियों को उच्च स्तरीय स्वास्थ व्यवस्था मुहैया कराने हेतु प्रयासरत है. अपने व्यस्ततम दिनचर्या से समय निकालकर इस शिविर में पूर्ण रूप से समय देने हेतु डॉ विवेकानंद झा की जितनी प्रशंसा की जाए कम होगी. एसडीओ ने लोगों से किडनी से संबंधित शिकायतों की जांच कराकर इसका लाभ लेने की अपील की. डॉ विवेकानंद झा ने कहा कि देवघर उनकी जन्मस्थली है और अगर यहां के लोग मुझसे लाभान्वित हो रहे हैं तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है, किडनी हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग है, यह मुख्य रूप से यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड जैसे नाइट्रोजनयुक्त वेस्ट मटेरियल उत्पादों से ब्लड को फिल्टर करने के लिए जिम्मेदार होती है. ये सभी टॉक्सिन्स हमारे ब्लैडर में जाते हैं और पेशाब करते समय बाहर निकल जाते हैं. लाखों लोग किडनी की कई तरह की बीमारियों के साथ जी रहे हैं और इनमें से ज्यादातर को इसका अंदाजा नहीं होता, यही वजह है कि किडनी की बीमारी को अक्सर साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है. किडनी खराब होने के लक्षण इतने हल्के होते हैं कि ज्यादातर लोगों को बीमारी के बढऩे तक कोई अतंर महसूस नहीं होता. जब चोट लगने, हाई ब्लड प्रेशर या फिर डायबिटीज के कारण किडनी डैमेज हो जाती हैं, तो यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को फिल्टर नहीं कर पाती, जिससे जहर का निर्माण होता है. ऐसे में किडनी ठीक से काम नहीं करती और टॉक्सिन जमा हो सकते हैं.
निश्चित अंतराल पर गुर्दे की जांच जरूरी
कहा यहां पर टॉक्सिक किडनी के कुछ संकेत दिए गए हैं, जो आपको समय रहते बता देंगे कि आपकी किडनी खराब होना शुरू हो गई है और आपको इस पर जल्द ध्यान देना चाहिए और हर मनुष्य को एक निश्चित समय के बाद अपने दोनों गुर्दों का परीक्षण भी करवाते रहना चाहिए. वहीं धन्यवाद ज्ञापन रेडक्रॉस के आनंद शाह ने किया और मंच संचालन रेड रोज स्कूल के प्राचार्य राम सेवक गुंजन ने किया. हेल्प डेस्क पर सृष्टि वर्मा एवं साक्षी वर्मा का योगदान सराहनीय रहा. ज्ञात हो इस स्वास्थ जांच शिविर में लगभग 65 लोगों ने अपना पंजीयन कराया जिसमे 58 लोगों ने डॉक्टर विवेकानंद झा से चिकित्सकीय सलाह ली. कार्यक्रम में रेडक्रॉस के कार्यकारिणी सदस्य डॉ एनसी गांधी, अर्चना भगत, राकेश करमहे, उमा छावछरिया, संगीता सुल्तानिया, आजीवन सदस्य अभिजीत सिंह, ज्योति, महेश लाठ, अनिकेत उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें : Gamharia: नव प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने सड़क सुरक्षा पर चित्र बनाकर जीते पुरस्कार