
– देवघर और दुमका जिले के अधिकारियों के साथ की बैठक
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देवघर: 11 जुलाई से शुरू हो रहे राजकीय श्रावणी मेले की तैयारी की समीक्षा को राज्य के पर्यटन सह नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार शुक्रवार को देवघर पहुंचे। मंत्री ने देवघर और दुमका जिले के अधिकारियों के साथ परिसदन में उच्च स्तरीय बैठक की और दोनों जिले में मेले की तैयारियों की समीक्षा की। यह दूसरा मौका पर जब सवा महीने के भीतर पर्यटन मंत्री दूसरी बार श्रावणी मेले की तैयारियों के सिलसिले में देवघर पहुंचे हैं। इससे पहले 6 मई को भी मंत्री ने देवघर और दुमका जिले के अधिकारियों के साथ मेले की तैयारियों को लेकर देवघर में बैठक की थी।
पतला बालू बिछाने का निर्देश
बैठक के बाद मंत्री अधिकारियों के साथ बिहार-झारखंड सीमा दुम्मा में कांवरिया पथ, रूट लाइनिंग, क्यू कॉप्लेक्स समेत अन्य सारी तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को समय पर सारे काम पूरा करने का निर्देश दिया। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कांवरिया पथ में मंत्री ने पतला बालू बिछाने का निर्देश दिया, ताकि कांवरियों के थके और सूजे पैरों को आराम मिले। साथ ही इंद्रवर्षा और वरुण भूमि से कांवरियों पर निरंतर पानी से छिड़काव का निर्देश दिया, ताकि उन्हें गर्मी से राहत मिल सके। मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इस बार के श्रावणी मेले में गत वर्ष से बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। राज्य सरकार मेले को यादगार बनाएंगी, ताकि यहां से देश-विदेश के श्रद्धालु सुखद अनुभूति लेकर जाएं। बैठक में स्थानीय विधायक सुरेश पासवान, संताल परगना के आयुक्त लालचंद डांडेल, देवघर, दुमका के डीसी, एसपी समेत अन्य सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो
मंत्री ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा है कि राजकीय श्रावणी मेला के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश बाबा बैद्यनाथधाम और बासुकीनाथधाम पहुचेंगे। ऐसे में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी या समस्याओं का सामना न करना पड़े। इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें। वहीं विभागों की बिन्दुवार समीक्षा के क्रम में मंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि मेला के दौरान श्रद्धालुओं के लिए अपने-अपने विभागों द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं यथा कांवरिया पथ में महीन बालू बिछाव, विद्युत व्यवस्था, मेडिकल सुविधा, साफ-सफाई, आवासन, रुटलाइन में पंडाल निर्माण, पेयजल, शौचालय, स्नानगृह, साज-सज्जा कार्य आदि को और भी बेहतर बनाने का हर संभव प्रयास करें, ताकि देवतुल्य श्रद्धालु बाबा नगरी से एक अच्छी अनुभूति लेकर जाएं।
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