
जादूगोड़ा: यूसिल अस्पताल में दवा आपूर्ति की जिम्मेदारी निभा रही आउटसोर्सिंग कंपनी केके फार्मा पर लगातार लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. बीते तीन दिनों से मरीजों को आवश्यक दवाएं नहीं मिल रही हैं, जिससे भूतपूर्व कर्मचारियों और उनके परिजनों में आक्रोश है. कई मरीज दवा के अभाव में बिना इलाज के लौटने को मजबूर हैं.
भूतपूर्व कर्मियों का कहना है कि लंबे अंतराल के बाद यूसिल में दवा आपूर्ति शुरू हुई है, फिर भी शुगर, खांसी, हृदय रोग और अन्य सामान्य दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. कभी एक दवा मिलती है तो दूसरी का अता-पता नहीं. गंभीर मरीजों की हालत बिगड़ने का खतरा बना हुआ है. अस्पताल के काउंटर पर अधिकांश दवाएं नदारद हैं.
जुगसलाई स्थित कंपनी केके फार्मा को 16 जून को टेंडर के तहत दवा आपूर्ति का कार्य सौंपा गया था. परंतु पहले ही दिन से यह कंपनी अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही है. यूसिल के पूर्व कर्मचारी अनिल चंद्र सिंह ने बताया कि अस्पताल में दवा की सिर्फ एंट्री की गई, जबकि मरीजों को 48 घंटे बाद दवा देने का आश्वासन दिया गया. लेकिन यह भी सिर्फ आश्वासन ही रहा.
भूतपूर्व कर्मचारी इन दिनों बारिश के मौसम में वायरल संक्रमण, बुखार, जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. ऐसे में दवा की कमी उन्हें और मुश्किल में डाल रही है. जमशेदपुर से मात्र 40 मिनट की दूरी पर स्थित यूसिल अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं की अनुपलब्धता बेहद गंभीर समस्या बन गई है.
कर्मचारियों ने मांग की है कि केके फार्मा का टेंडर रद्द कर किसी जिम्मेदार एजेंसी को यह कार्य सौंपा जाए. उनका कहना है कि “सेकंड लोअर” नामक एजेंसी को यह जिम्मेदारी दी जाए, जिससे दवाओं की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. नाराज़गी इतनी अधिक है कि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है.
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