
जमशेदपुर: आज, 4 मार्च को, जिला समाहरणालय के सभागार में आयोजित एक समीक्षा बैठक में पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त अनन्या मित्तल ने चाइल्डलाइन, सी.डब्ल्यू.सी. (बाल कल्याण समिति), ऑब्जर्वेशन होम और वन स्टॉप सेंटर के कार्यों की समीक्षा की. इस बैठक में उपायुक्त ने सुधारात्मक उपायों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
मिशन वात्सल्य योजना के तहत कार्यरत घटकों की समीक्षा
उपायुक्त ने मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत कार्यरत सभी घटकों की समीक्षा की, जिसमें जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, चाइल्ड हेल्पलाइन और वन स्टॉप सेंटर शामिल हैं. बैठक में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान, जिला समाज कल्याण अधिकारी संध्या रानी, डी.सी.पी.ओ. और विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
सेवाओं की समीक्षा और दिशा-निर्देश
बैठक में बच्चों के अधिकार और सुरक्षा, एकल अभिभावक वाले बच्चों और अनाथ बच्चों को योजनाओं से जोड़ने, वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से आवास, विधिक सहायता, परामर्श और पुलिस सहायता जैसी सेवाओं की समीक्षा की गई. साथ ही, चाइल्डलाइन की गतिविधियों और उनके सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा की गई.
विशेष रूप से किशोरों के लिए दिशा-निर्देश
उपायुक्त ने सभी हितधारकों से विशेष परिस्थितियों में रह रहे किशोरों की सुरक्षा और समग्र विकास के लिए सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की. उन्होंने कहा कि इन बच्चों के शैक्षिक विकास के साथ-साथ उनके मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक कल्याण पर भी काम करना आवश्यक है.
स्लम में रहने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की आवश्यकता
उपायुक्त ने यह भी कहा कि स्लम में रहने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की दिशा में पहल की जानी चाहिए. इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह निर्देशित किया कि जो बच्चे भिक्षावृत्ति करते हुए पाए जाएं, उनके माता-पिता और बच्चों की काउंसलिंग की जाए.
बाल संरक्षण की सामूहिक जिम्मेदारी
उपायुक्त ने बाल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इसके लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है.
बैठक में बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर सहयोगात्मक रणनीतियाँ विकसित करने, हितधारकों के साथ संवाद को सुविधाजनक बनाने, बाल संरक्षण ढांचे को मजबूत करने और अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया.
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