रांची: किसानों और मजदूरों के मुद्दों को लेकर 26 नवंबर 2025 को झारखंड सहित पूरे देश में जिला मुख्यालयों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन होने जा रहे हैं। यह प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान आंदोलन की 5वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है।
प्रदर्शन की मुख्य मांगें
प्रदर्शन में किसानों और मजदूरों की केंद्र व राज्य सरकारों से प्रमुख मांगें शामिल हैं:
- किसानों की फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी लागू करना।
- किसान आंदोलन के साथ मोदी सरकार के लिखित फैसले को शीघ्र लागू करना।
- मजदूर विरोधी चार लेबर कोड रद्द करने की मांग।
- हाथियों और जंगली जानवरों के आतंक से किसानों को सुरक्षा।
- जबरन जमीन अधिग्रहण पर रोक लगाना।
- किसान विरोधी बीज विल को वापस लेना।
- अत्यधिक निजीकरण, महंगाई, बेरोजगारी और प्राकृतिक संसाधनों (खनिज, जल, जंगल, जमीन) पर कॉर्पोरेट लूट रोकना।
- बिजली में स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक।
- झारखंड में घोषित एमएसपी 24 रु के बजाय 16 रु में धान खरीद रोकने पर विरोध।
- पंचायत स्तर पर धान क्रय केंद्र खोलकर एमएसपी पर खरीदी की गारंटी।
- किसानों और आदिवासियों को वनपट्टा प्रदान करना।
- मनरेगा में 200 दिन काम और 600 रु मजदूरी की गारंटी।
राजधानी रांची सहित जिले के मुख्यालयों में किसान और मजदूर अपने संगठनों के बैनर तले शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। संगठन ने स्पष्ट किया है कि प्रदर्शन सभी जिला मुख्यालयों पर एकसमान रूप से आयोजित होगा।
इस प्रदर्शन के लिए झारखंड में प्रमुख संगठनों के नेता भी सामने हैं:
सुफल महतो – राज्य अध्यक्ष, झारखंड राज्य किसान सभा
पूरन महतो – राज्य सचिव, किसान महासभा
पुष्कर महतो – राज्य सचिव, अखिल भारतीय किसान सभा
बिमल दास – राज्य अध्यक्ष, अखिल भारतीय खेत-मजदूर संगठन
विश्वजीत देव – महासचिव, सी.आई.टी.यू.
सुभेंदु सेन – अध्यक्ष, ए.सी.टी.यू.
बिरेंद्र कुमार – झारखंड खेत एवं ग्रामीण मजदूर यूनियन
संगठनों ने स्थानीय प्रशासन और जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। प्रदर्शन में शामिल लोग किसानों और मजदूरों के हक और उनके सामाजिक-आर्थिक अधिकारों की रक्षा की मांग करेंगे।