
चाईबासा: चाईबासा स्थित MP-MLA विशेष न्यायालय ने पांच साल पुराने आचार संहिता उल्लंघन मामले में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार और झारखंड के शिक्षा मंत्री एवं पूर्व झामुमो जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन को बरी कर दिया. न्यायालय ने यह फैसला सुनाया कि पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में आरोप सिद्ध नहीं हो पाए.
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सोनारी थाना में दर्ज कांड संख्या 52/2019 से जुड़ा हुआ था. उस समय रामदास सोरेन झामुमो के जिलाध्यक्ष और दिनेश कुमार भाजपा के जिला अध्यक्ष थे. दोनों नेताओं के खिलाफ सरकारी खंभों और भवनों पर पार्टी के झंडे और बैनर लगाने को लेकर मामला दर्ज किया गया था.
कोर्ट की सुनवाई
मामले की सुनवाई चाईबासा की विशेष अदालत में चल रही थी. अदालत ने 7 जून 2024 को आरोपों की व्याख्या की थी और आज के फैसले में दोनों नेताओं को बरी कर दिया गया.
दिनेश कुमार की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता दिनेश कुमार ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं होता. कोर्ट के इस फैसले से दोनों नेताओं को बड़ी राहत मिली है. अधिवक्ता अंकुर चौधरी ने न्यायालय में बचाव पक्ष की ओर से पैरवी की.
इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि न्यायालय ने साक्ष्य की कमी के चलते दोनों नेताओं को आरोपों से मुक्त कर दिया है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
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