घाटशिला उपचुनाव: घाटशिला में एकतरफा मुकाबला, पहली बार चुनाव लड़ रहे सोमेश चंद्र सोरेन ने बनाया मजबूत अंतर

घाटशिला:  घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में 14वें राउंड की मतगणना पूरी हो गई है। झामुमो उम्मीदवार सोमेश चंद्र सोरेन ने भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन पर मजबूत बढ़त बना रखी है। शुरुआती दौर में भाजपा 50 हजार वोटों का आंकड़ा नहीं छू सकी थी, लेकिन अब यह सीमा पार कर चुकी है। मतगणना के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक बाबूलाल सोरेन को 50,314 वोट मिले हैं।

दूसरी ओर, झामुमो के सोमेश चंद्र सोरेन को अब तक 74,720 वोट मिले हैं, जिससे उनकी बढ़त बढ़कर 29,233 वोट से अधिक हो गई है। यह अंतर साफ संकेत देता है कि झामुमो बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। पूरे झामुमो खेमे में उत्साह का माहौल है और कार्यकर्ता जीत को लेकर बेहद आश्वस्त नजर आ रहे हैं।

इस बीच, जेएलकेएम उम्मीदवार रामदास मुर्मू लगातार तीसरे स्थान पर बने हुए हैं। उन्हें अब तक 10,956 वोट मिले हैं, जो कि 2024 के विधानसभा चुनाव में मिले वोटों से अधिक है। बढ़त के आंकड़े बताते हैं कि मुकाबला अब एकतरफा हो चुका है और झामुमो की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
मतगणना कड़ी सुरक्षा में, मुकाबला प्रतिष्ठा का
मतगणना शुक्रवार सुबह 8 बजे जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज में सख़्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई। घाटशिला उपचुनाव झामुमो और भाजपा—दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई मानी जा रही है। हालाँकि, अधिकारी साफ कर चुके हैं कि इस परिणाम का हेमंत सोरेन सरकार पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा।
वर्तमान में 81 सदस्यीय विधानसभा में झामुमो गठबंधन के पास 55 विधायक, जबकि एनडीए के पास 24 विधायक हैं।

74.63% मतदान, 20 चरणों में गिनती
11 नवंबर को हुए मतदान में 74.63% वोटिंग दर्ज हुई थी, जो काफी उत्साहजनक मानी जा रही है। जिला निर्वाचन अधिकारी कर्ण सत्यार्थी ने बताया कि कुल 20 चरणों में मतगणना की जा रही है। इस सीट पर 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला झामुमो के सोमेश चंद्र सोरेन और भाजपा के बाबूलाल सोरेन के बीच ही दिखाई दे रहा है।

उपचुनाव क्यों हुआ?
यह उपचुनाव झामुमो विधायक रामदास सोरेन के निधन (15 अगस्त 2024) के कारण करवाया गया। रामदास सोरेन ने पिछली विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन को 22,000 से अधिक मतों से हराया था। इस बार उनके पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं और शुरुआती रुझान उनके पक्ष में मजबूत समर्थन दर्शा रहे हैं।

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