
चांडिल: नीमडीह प्रखंड के झिमड़ी गांव में हाल ही में घटी अपहरण एवं धर्मांतरण की घटना को लेकर आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव एवं ईचागढ़ विधानसभा के पूर्व एनडीए प्रत्याशी हरे लाल महतो ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस घटना को न केवल निंदनीय बताया, बल्कि इसे समाज की शांति व्यवस्था पर सीधा आघात करार दिया.
“हिंदू समाज की आस्था से खिलवाड़ नहीं सहेंगे”
हरे लाल महतो ने कहा कि झारखंड में लगातार हिंदू समाज की आस्था से खिलवाड़ हो रहा है. बहन-बेटियों के साथ अन्याय की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन चुप रहा, तो बड़ा आंदोलन भी किया जा सकता है.
“तस्लीम के इतिहास की जांच क्यों जरूरी?”
महतो ने घटना के आरोपी मोहम्मद तस्लीम पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि तस्लीम झिमड़ी का मूल निवासी नहीं है और पहले भी कई हिंदू-विरोधी व गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त रहा है. उस पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर दुकान व घर बनाने, पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाने जैसे आरोप हैं.
“धारा 144 के बावजूद भीड़ कैसे पहुंची?”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि धारा 144 (सम्भवतः 144, लेख में त्रुटिपूर्वक 163 लिखा गया है) लागू होने के बावजूद सैकड़ों लोग मुस्लिम समुदाय के समर्थन में गांव में कैसे प्रवेश कर बैठक कर सके. उन लोगों में कई ऐसे हैं जिन पर पहले से दंगा भड़काने के मामले चल रहे हैं. उन्होंने प्रशासन से पूछा कि क्या कानून का पालन केवल एक पक्ष पर ही लागू होता है?
आजसू पार्टी की मांगें
हरे लाल महतो ने प्रशासन से मांग की कि
पूरे प्रकरण की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच हो
मोहम्मद तस्लीम के पूर्ववृत्त की जांच कराई जाए
निर्दोष ग्रामीणों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं
पीड़ित परिवार और हिंदू समाज को सुरक्षा और न्याय की गारंटी दी जाए
ग्रामीणों में डर, प्रशासन ले जिम्मेदारी
महतो ने कहा कि झिमड़ी गांव में अभी भी भय और तनाव का माहौल बना हुआ है. ग्रामीण डरे-सहमे हैं. प्रशासन को चाहिए कि वह सकारात्मक पहल कर ग्रामीणों को विश्वास में ले और वहां शांति स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाए.
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