बैंगलोर: QS World University की MBA और बिजनेस मास्टर्स रैंकिंग 2026 में भारत ने जोरदार प्रदर्शन किया है। लंदन से जारी इस सूची में कुल 14 भारतीय बिजनेस स्कूल शामिल हुए, जिनमें IIM बैंगलोर, IIM अहमदाबाद और IIM कलकत्ता टॉप-100 में जगह बनाने में सफल रहे।
IIM बैंगलोर को 52वां स्थान मिला, जो पिछले साल से एक पायदान बेहतर है। IIM अहमदाबाद 58वें और IIM कलकत्ता 64वें पायदान पर पहुंचे।
वॉक्सेन स्कूल ऑफ बिजनेस की धमाकेदार एंट्री
तेलंगाना का वॉक्सेन स्कूल ऑफ बिजनेस पहली बार इस ग्लोबल सूची में शामिल हुआ और डायवर्सिटी श्रेणी में एशिया का नंबर-वन बना। इसकी वैश्विक रैंकिंग 26वीं रही।
वैश्विक स्तर पर अमेरिकी संस्थानों का दबदबा
दुनिया की टॉप-4 सूची में अमेरिकी बिजनेस स्कूलों ने कब्जा जमाए रखा। व्हार्टन पहले, हार्वर्ड दूसरे और एमआईटी स्लोअन तीसरे स्थान पर रहे। स्टैनफोर्ड बिजनेस स्कूल चार पायदान गिरकर चौथे स्थान पर पहुंचा।
भारतीय संस्थानों की लगातार प्रगति
क्यूएस रिपोर्ट बताती है कि भारतीय प्रबंधन संस्थानों का प्रदर्शन साल दर साल बेहतर हो रहा है। इस बार शामिल 14 में से चार संस्थानों ने रैंकिंग सुधारी, जबकि दो नए संस्थान पहली बार सूची में आए।
37 भारतीय संस्थानों को अलग-अलग कोर्स श्रेणियों में जगह मिली, जिनमें सबसे ज्यादा 19 संस्थान मास्टर्स इन मैनेजमेंट में शामिल हुए। हालांकि मास्टर्स इन फाइनेंस में कोई भी भारतीय संस्थान टॉप-200 में जगह नहीं बना सका।
किसने किस श्रेणी में चमक बिखेरी
IIM बैंगलोर: रोजगार इंडिकेटर में 29वां और रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट में 60वां स्थान।
IIM अहमदाबाद: एशिया में 9वां और दुनिया में 58वां स्थान। रोजगार में 40वां, ROI में 64वां।
IIM कलकत्ता: रोजगार श्रेणी में 35वां और थॉट लीडरशिप में 77वां स्थान।
IIM इंदौर: इस बार रैंकिंग सुधरकर 151-200 बैंड में पहुंचा।
वॉक्सेन स्कूल ऑफ बिजनेस: डायवर्सिटी में एशिया का नंबर-वन और वैश्विक स्तर पर 26वां स्थान।
भारत के लिए संकेत
तीन IIM का टॉप-100 में शामिल होना बताता है कि भारत की प्रबंधन शिक्षा दुनिया में तेजी से पहचान बना रही है। हालांकि रोजगार, निवेश और स्टूडेंट आउटकम जैसे क्षेत्रों में अभी और सुधार की जरूरत है।
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