
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत टैरिफ में कटौती करने के लिए सहमत हो गया है. ट्रंप ने कहा, “भारत हम पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाता है. आप भारत में कुछ भी बेच नहीं सकते हैं.” ट्रंप का यह बयान इस संदर्भ में आया है कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार हो सकता है. इससे पहले, ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिका से ज्यादा टैक्स वसूलने वाले सभी देशों पर 2 अप्रैल 2025 से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होंगे. उनका कहना था कि टैरिफ में यह वृद्धि अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगी और इससे रोजगार में वृद्धि होगी.
चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ की जंग
टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन इस समय सीधे तौर पर आमने-सामने हैं. चीन ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि वह अमेरिका के कदमों का जवाब देने के लिए तैयार है. ट्रंप प्रशासन ने चीनी वस्तुओं पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिसके बाद चीन की नजरें भारत पर टिक गई हैं. यह व्यापारिक जंग अब ग्लोबल व्यापार पर गहरा असर डाल सकती है.
चीन का भारत से सहयोग की अपील
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार, 7 मार्च 2025 को भारत और चीन से अपील की कि वे मिलकर काम करें और आधिपत्यवाद तथा सत्ता की राजनीति का विरोध करें. उन्होंने कहा कि अगर चीन और भारत मिलकर काम करते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय मामलों में एक लोकतांत्रिक व्यवस्था और मजबूत ग्लोबल साउथ की संभावना में सुधार हो सकता है. ग्लोबल साउथ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें विकासशील या कम विकसित कहा जाता है, और जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं.
यूक्रेन मुद्दे पर ट्रंप का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी अपनी चिंता जताई. उन्होंने कहा, “अगर वे समझौता नहीं करना चाहते हैं, तो हम वहां से बाहर हैं, क्योंकि हम चाहते हैं कि वे समझौता करें. मैं मौत को रोकने की कोशिश कर रहा हूं.” ट्रंप का कहना था कि यूक्रेन से निपटना बहुत कठिन हो सकता है. “हम उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब यूक्रेन को भी आगे आकर काम करना होगा.”