पटना: आईआरसीटीसी घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय किए हैं। इस मामले को लेकर बिहार में सियासत गरम हो गई है।
तेजस्वी यादव का बयान: यह राजनीतिक बदला है
तेजस्वी यादव ने कहा कि वे इस मामले में पूरी लड़ाई लड़ेंगे। उनका कहना है “जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, ऐसे-ऐसे मामले सामने आएंगे।”
उन्होंने अदालत के फैसले का सम्मान किया, लेकिन इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया। तेजस्वी ने अपने पिता लालू यादव की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने रेलवे को 90 हजार करोड़ का मुनाफा दिलाया और हर बजट में किराया घटाया। तेजस्वी ने कहा कि बिहार और देश की जनता सच्चाई जानती है और वे भाजपा के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।
NDA नेताओं का हमला: लालू परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं ने लालू परिवार पर जमकर हमला बोला। जदयू के प्रवक्ता ने कहा लालू परिवार ने अपने परिजनों को नौकरी दी और जमीन की लेन-देन की कार्रवाई की। यह स्वाभाविक प्रक्रिया नहीं, बल्कि न्याय हुआ है। उनके अनुसार, बिहार की जनता ऐसे परिवारवादी और भ्रष्टाचारी नेताओं को सत्ता में नहीं देखना चाहती।
तेजस्वी पर संपत्ति का सवाल
एमएलसी नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव से सवाल किया कि उन्होंने अपनी संपत्ति सार्वजनिक क्यों नहीं की। उन्होंने कहा “अगर नाम पर संपत्ति थी तो उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया?”
“आप न्यायपालिका को चुनाव से जोड़ रहे हैं, लेकिन अपने वकील से जिरह क्यों नहीं करवाई?” उनका कहना है कि कोर्ट का आदेश कानून के अनुसार है और कानून सबके लिए बराबर है।
कोर्ट का आदेश: लालू-राबड़ी-तेजस्वी पर आरोप तय
राउज एवेन्यू कोर्ट ने विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने के आदेश से लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए।
सीबीआई के आरोप: 2004-2009 तक रेल मंत्री रहे लालू यादव ने निजी कंपनी सुजाता होटल्स को रांची और पुरी में दो आईआरसीटीसी होटलों के पट्टे देने में अनुचित ठेके दिए।