
जादूगोड़ा: यूसिल की हृदय स्थली मानी जाने वाली चाटीकोचा में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से जाहिरा स्थल का शुद्धिकरण किया. हजारों आदिवासी महिला-पुरुषों ने मरांग बुरु और जाहिर आयो की विशेष पूजा-अर्चना कर अपने देवता से क्षमा याचना की. पूजा का नेतृत्व ग्राम नायके जगदीश चंद्र मार्डी और ग्राम प्रधान मेघराय सोरेन ने किया.
ग्रामीणों के अनुसार, 18-19 जून को हुई तेज बारिश के दौरान यूसिल का यूरेनियम कचरा बहकर सीधे उनके पूजास्थल जाहिरा में जा पहुंचा. इससे श्रद्धालुओं की आस्था को गहरा आघात लगा. ग्रामीण मानते हैं कि इसी कारण मरांग बुरु रुष्ट हुए और पूरे गांव में चेचक जैसी महामारी फैल गई.
यूरेनियम प्रदूषण से उपजे संकट का सबसे भयावह असर गांव में देखने को मिला. चेचक के प्रकोप से मेघराय मुर्मू, बंगल मुर्मू, सुखलाल हो, मिनूता मुर्मू, साकरो मुर्मू, मन्ना कुंटिया और दुली मुर्मू गंभीर रूप से बीमार हो गए. स्थिति भयावह होती जा रही थी, तभी ग्राम नायके और प्रधान ने मिलकर पूजा-अर्चना कर देवता को मनाने का निर्णय लिया.
पूजा-अर्चना के बाद धीरे-धीरे बीमार ग्रामीण स्वस्थ होने लगे. यह ग्रामीणों के लिए देवता की कृपा का संकेत था. इस अवसर पर गांव में उत्सव जैसा माहौल बन गया और “हीरला जाहिर आयो” के जयघोष से चाटीकोचा गूंज उठा.
इसे भी पढ़ें : devotion : 54 फीट का कांवर लेकर 54 घंटे में सुल्तानगंज से देवघर पहुंचे पटना सिटी के 400 कांवरिये