
जमशेदपुर: हमेशा से भोजपुरी भाषा का देश की अन्य भाषाओं के मध्य एक विशेष स्थान रहा है। भोजपुरी भाषा मे भावनात्मकता भी है और रसिकता भी। भोजपुरी भाषा मिट्टी से जुड़ी हुई भाषा रही है एवं अपनी विशिष्टता की सुगंध से श्रोताओं को पुलकित करती रही है।
विगत कुछ वर्षों से ऐसा देखा जा रहा है कि भोजपुरी भाषा मे अश्लीलता का प्रयोग बढ़ता जा रहा है एवं ये महान भाषा अपनी मूल पहचान को खोती जा रही है। वर्तमान मे देश के अन्य राज्यों मे भोजपुरी भाषा का सम्मान अन्य भाषियों के मध्य लगभग समाप्त हो गया है। प्रतिष्ठित भोजपुरी कलाकार भी सार्वजनिक रूप से अपना परिचय देने मे संकोच करते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि भोजपुरी भाषा से जुड़ाव उजागर करते ही उनका सम्मान कम हो जाएगा। मुंबई की सुविख्यात गायिका सौम्या वर्मा ने भी तोमर सत्येन्द्र द्वारा इस दिशा मे उठाई जा रही मुहिम का स्वागत किया है एवं आशा व्यक्त की है कि अश्लीलता समाप्त होने के बाद भोजपुरी भाषा को वह स्थान और सम्मान दोबारा प्राप्त हो सकेगा जिसकी हकदार भोजपुरी भाषा सदैव से रही है। कुछ समय पूर्व बंशीधर ब्रजवासी द्वारा भोजपुरी भाषा मे अश्लीलता का विषय मंत्री, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के संज्ञान मे लाया गया है एवं समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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