- बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण पर जोर, विकसित भारत@2047 के लिए प्रेरक संदेश
जमशेदपुर : माननीय राज्यपाल-सह-झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में छात्राओं को उपाधि प्रदान की। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि बेटियों की शिक्षा किसी भी समाज की वास्तविक प्रगति का आधार है। उन्होंने उपाधि प्राप्त सभी छात्राओं को हार्दिक बधाई दी और यह सफलता उनके परिश्रम, अनुशासन और समर्पण का परिणाम बताते हुए उन्हें भविष्य के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह इंटरमीडिएट कॉलेज से पूर्ण विश्वविद्यालय बनने तक महिला शिक्षा और सामाजिक परिवर्तन की प्रेरक कहानी है।
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जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की उपलब्धियों ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, कौशल विकास और महिला उद्यमिता कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की बेटियाँ आज विश्व-स्तर पर नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं और झारखंड की बेटियाँ इस दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने दीक्षांत समारोह में यह भी कहा कि उपाधि केवल शिक्षा का समापन नहीं, बल्कि जीवन की एक नई यात्रा की शुरुआत है। छात्राओं को अनुशासन, आत्मविश्वास और निरंतर सीखते रहने की प्रवृत्ति को जीवन का आधार बनाने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि अवसर परिश्रम और संकल्प से ही हासिल होते हैं। उन्होंने राज्य में पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या लड़कों से अधिक होने को राज्य की उभरती नारी-शक्ति का प्रमाण बताया।
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नारी शिक्षा और कौशल विकास से झारखंड में महिला सशक्तिकरण को मिलेगा और बल
राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, नियमित कक्षाएँ, समय पर परीक्षाएँ और परिणाम सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर महिला शिक्षा का आदर्श केंद्र बनाने का संकल्प व्यक्त किया। सभी उपाधि प्राप्त छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड की प्रतिभाशाली बेटियाँ विकसित भारत@2047 के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी, शिक्षक और छात्राएँ उपस्थित थे।