
जमशेदपुर: सिंहभूम जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन एवं तुलसी भवन के संयुक्त तत्वावधान में एकदिवसीय हिंदी रचनाधर्मिता कार्यशाला ‘युवा रचनाकार’ का भव्य आयोजन संस्थान के मुख्य सभागार में किया गया। कार्यशाला में शहर के 25 विद्यालयों से 176 छात्र-छात्राएं, 46 शिक्षकगण तथा दर्जनों प्रतिष्ठित साहित्यकारों की उपस्थिति रही।
अध्यक्षता, संचालन और स्वागत
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के न्यासी सुभाष चन्द्र मुनका ने की, जबकि संचालन की जिम्मेदारी पुनम महानंद ने निभाई। डॉ. प्रसेनजित तिवारी ने स्वागत भाषण एवं विषय प्रवेश प्रस्तुत किया। समापन पर प्रसन्न वदन मेहता ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
विशिष्ट अतिथि और उद्घाटन
मुख्य अतिथि के रूप में सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रभाकर सिंह उपस्थित रहे, जबकि रांची विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. जंग बहादुर पाण्डेय ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। दीप प्रज्वलन एवं माधवी उपाध्याय की सस्वर सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
पाँच सत्रों में रचनात्मकता का विकास
कार्यशाला को पाँच विभिन्न सत्रों में विभाजित किया गया था:
काव्य सत्र: विशेषज्ञ – शेषनाथ सिंह ‘शरद’, समन्वयक – डॉ. रागिनी भूषण
कथा सत्र: विशेषज्ञ – डॉ. विजय शर्मा, समन्वयक – वसंत जमशेदपुरी
पत्रकारिता सत्र: विशेषज्ञ – ‘चमकता आईना’ के संपादक जय प्रकाश राय, समन्वयक – दिव्येन्दु त्रिपाठी
समापन सत्र और सम्मान
समापन सत्र की अध्यक्षता तुलसी भवन के न्यासी अरुण कुमार तिवारी ने की, जबकि मुख्य अतिथि अब्दुल बारी मेमोरियल कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ. मुदिता चंद्रा थीं।
इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा स्वरचित काव्य पाठ किया गया तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। शिक्षकों को अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया गया।
विशिष्ट उपस्थितियाँ
इस अवसर पर मुख्य रूप से राम नन्दन प्रसाद, डॉ. यमुना तिवारी ‘व्यथित’, डॉ. अजय कुमार ओझा, अरुणा भूषण शास्त्री, वीणा पाण्डेय भारती, दिव्येन्दु त्रिपाठी, अशोक पाठक ‘स्नेही’, कैलाश नाथ शर्मा ‘गाजीपुरी’, हरभजन सिंह रहबर सहित अनेकों विद्वान साहित्यकार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन संस्थान के उपाध्यक्ष राम नन्दन प्रसाद द्वारा प्रस्तुत आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।
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