जमशेदपुर: आम लोगों को बुनियादी जरूरतों के खनिजों के उत्खनन का नियमन मुक्त संवैधानिक अधिकार दिलाने की मांग को लेकर पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया है। यह ज्ञापन प्रभात कुमार चूड़ीवाला द्वारा सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया गया कि ‘Mines Act 1952’ और ‘MMDR Act 1957’ में कुछ ऐसे खनिजों को आम नागरिकों की बुनियादी जरूरतों के लिए विशेष दर्जा दिया गया है, जिन्हें नियामकीय ढांचे से मुक्त रखा गया है।
कानून में क्या कहा गया है?
Mines Act, 1952 की धारा 3(1)(b) के तहत घोषित खनिजों का उत्खनन आम नागरिकों की जरूरत के लिए संभव है और यह पर्यावरण अधिसूचना 2006 से मुक्त है।
MMDR Act, 1957 की धारा 5(2) और 10 के अनुसार, केवल वे खनिज जिन पर सरकार का स्वामित्व है, उनके लिए पट्टा (lease) दिया जा सकता है। साधारण खनिजों पर यह नियम लागू नहीं होता।
Supreme Court ने भी स्पष्ट किया है कि साधारण खनिजों पर सरकार का पूर्ण स्वामित्व नहीं होता। इसीलिए इनका उत्खनन लोगों का वैधानिक और मौलिक अधिकार है।
DGMS और जिला प्रशासन की भूमिका
District Magistrate को Mines Act के तहत निरीक्षण और अनुज्ञप्ति जारी करने का अधिकार प्राप्त है।
DGMS (Directorate General of Mines Safety) को केवल Chapter IV के अंतर्गत आने वाले जटिल खनन के मामलों में दखल का अधिकार है।
साधारण खनिजों जैसे बालू, मुरम, साधारण पत्थर और मिट्टी के उत्खनन के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्णय लेने का हक़ है।
PESA नियम और आदिवासी क्षेत्र
PESA Rules, 2022 के अनुसार, अनुसूचित क्षेत्रों में बुनियादी खनिजों का प्रबंधन ग्रामसभा के परंपरागत प्रतिनिधि (जैसे मुंडा या प्रधान) करेंगे। इससे ग्रामीणों को न केवल अपने अधिकार मिलते हैं, बल्कि इनसे होने वाली आमदनी को ग्राम विकास में लगाया जाएगा।
JMMC Rules पर उठाए सवाल
ज्ञापन में यह मांग की गई है कि:
JMMC Rules, 2004 (संशोधित 2017) को इस तरह लागू किया जाए कि वह साधारण खनिजों पर लोगों के अधिकारों को प्रतिबंधित न करे।
नियम 3 को सिर्फ़ अनुसूची 2(क) में प्रकाशित लघु खनिजों पर ही लागू किया जाए।
जिला खनन टास्क फोर्स के पदाधिकारी Mines Act और MMDR Act के प्रावधानों के दायरे में काम करें।
मुख्य मांगे
राज्य के मुख्य सचिव से अपील की गई है कि सभी ज़िला दंडाधिकारियों और खनन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएँ ताकि लोगों को बुनियादी खनिजों के उत्खनन का अधिकार मिल सके।
भारत सरकार के खान मंत्रालय से आग्रह किया गया है कि MMDR Act की धारा 20-A का उपयोग कर राज्यों को यह स्पष्ट निर्देश दें कि साधारण खनिजों का नियमन कैसे हो।
यह सुनिश्चित किया जाए कि IBM द्वारा बनाए गए सभी पुराने नियम, जो अब निरस्त हो चुके हैं, उन्हें फिर से लागू न किया जाए।
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