Jamshedpur: संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन आचार्य राजेंद्र ने सुनाई श्रीराम के जन्म की कहानी, भक्त हुए भावविभोर

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जमशेदपुर: सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति द्वारा श्रीराम मंदिर की पंचम वर्षगांठ पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन भगवान श्री राम के जन्मोत्सव का उल्लास छा गया. कथा की शुरुआत से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के साथ व्यास पीठ का विधिवत पूजन किया गया. इसके बाद श्रीधाम वृंदावन से पधारे मर्मज्ञ कथा वाचक आचार्य राजेंद्र जी महाराज का श्रद्धापूर्वक स्वागत किया गया. कथा के दौरान भगवान श्रीराम के जन्म की कथा का अत्यंत सुंदर वर्णन किया गया. इस अवसर पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सूर्य मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक रघुवर दास भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे.

राम के जन्म का महत्व और कथा का आकर्षण

आचार्य राजेंद्र जी ने भगवान राम के जन्म का वर्णन करते हुए कहा कि उनका जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था. उन्होंने बाल्यावस्था में ही असुरों का संहार किया. उनके जीवन में राम का चरित्र अनंत समय तक लोगों को मार्गदर्शन देगा. भगवान राम का जन्म होते ही अयोध्यावासियों में खुशी की लहर दौड़ गई और पूरा नगर उल्लासित हो उठा. राजा दशरथ के घर जन्मे पुत्रों के साथ नगर में हर दिशा में खुशी के गीत गाए गए. आचार्य ने बताया कि किस प्रकार महारानी कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा को पुत्र योग का संयोग बना, जिससे अयोध्या में खुशियों की बौछार हो गई.


बाल लीलाओं का वर्णन और भक्तों का भावविभोर होना

आचार्य ने राम के बाल रूप के बारे में बताते हुए कहा कि जिनकी गोद में ब्रह्मांड खेलता है, वही भगवान बाल रूप में माता कौशल्या की गोद में खेलते हैं. उन्होंने बताया कि भगवान राम का बाल रूप कितना अद्भुत था, जिस पर सभी भक्त भावविभोर हो उठे. इस दौरान पंडाल में भक्ति भाव से भगवान की कथा का रसपान करते हुए श्रद्धालु श्रीराम के जन्म का आशीर्वाद ग्रहण कर रहे थे. कथा के साथ ही पुष्पवर्षा और मिठाई, टॉफी का वितरण भी किया गया.

कथा समापन और आगामी दिन की तैयारी

कथा के समापन सत्र के दौरान सूर्य मंदिर समिति के वरीय सदस्य दिनेश कुमार ने मंच संचालन किया. उन्होंने बताया कि आगामी दिन में भगवान राम के बाल लीला का वर्णन किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत रुचिकर होगा. कथा का आयोजन दोपहर 3:30 बजे से प्रारंभ होगा.

कथा में उपस्थित प्रमुख व्यक्ति

इस अवसर पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सूर्य मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक रघुवर दास, संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, महासचिव अखिलेश चौधरी, राकेश चौधरी, दिलीप कुमार, अभिषेक अग्रवाल, गोल्डी, सुशांत पांडा, शैलेश गुप्ता, शशिकांत सिंह, प्रेम झा, राकेश सिंह, सूरज सिंह, दीपक झा, विकास शर्मा, अमित मिश्रा, उमेश गिरी, तेजिंदर सिंह जॉनी और अन्य सम्मानित लोग उपस्थित थे.

 

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