जमशेदपुर: समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में पी.सी.-पी.एन.डी.टी एक्ट की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, एसीएमओ डॉ. जोगेश्वर प्रसाद, डीआरसीएचओ डॉ. रंजीत पांडा और अन्य संबंधित अधिकारी एवं समिति सदस्य मौजूद रहे। बैठक में जिले के अल्ट्रासाउंड केंद्रों द्वारा एक्ट के अनुपालन की समीक्षा के साथ नए लाइसेंस और नवीनीकरण के आवेदनों पर निर्णय लिया गया।
अल्ट्रासाउंड सेंटर के लाइसेंस और मशीनों की समीक्षा
बैठक में कुल मामलों पर विचार किया गया:
नए मशीन के 5 आवेदन
निबंधन नवीनीकरण के 3 आवेदन
नए रजिस्ट्रेशन के 2 आवेदन
चिकित्सक सम्मिलित करने के 6 आवेदन
स्थान परिवर्तन का 1 आवेदन
अल्ट्रासाउंड मशीन डेमो के 1 आवेदन
समीक्षा के बाद समिति ने आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी होने पर:
नए मशीन के 3,
निबंधन नवीनीकरण के 2,
नए रजिस्ट्रेशन के 2,
चिकित्सक सम्मिलित करने के 6,
स्थान परिवर्तन का 1,
मशीन डेमो का 1
मामला स्वीकृत किया।
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि बिना वैध अनुमति मशीन लगाना पूरी तरह वर्जित है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी नवीनीकरण समयबद्ध तरीके से पूरे हों और कोई केंद्र बिना वैध पंजीकरण के कार्य न करे।
उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले में पी.सी.-पी.एन.डी.टी एक्ट का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि लिंग चयन की किसी भी गतिविधि को कड़ाई से रोका जाए और इसमें लिप्त पाए जाने वाले केंद्रों या कर्मियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
सभी केंद्रों पर स्पष्ट चेतावनी बोर्ड प्रदर्शित किए जाएँ, जिसमें लिंग परीक्षण की मनाही का उल्लेख हो। प्रत्येक अल्ट्रासाउंड केंद्र का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए और रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए। फॉर्म-थ् रिकॉर्ड का अद्यतन और ऑनलाइन प्रविष्टि अनिवार्य है।
उपायुक्त ने कहा कि लिंगानुपात को संतुलित बनाए रखने के लिए एक्ट का सख्ती से पालन आवश्यक है। इसके लिए नियमित जांच और जागरूकता कार्यक्रम चलाकर कन्या भ्रूण परीक्षण जैसी कुरीति पर अंकुश लगाया जाएगा।