Jamshedpur : वरिष्ठ पत्रकार आनंद सिंह की पुस्तक ‘समय के साथ’ का लोकार्पण, हिंदी पत्रकारिता में विकासपरक रिपोर्टिंग का स्थान पर वक्ताओं के अलग-अलग बोल 

जमशेदपुर :  जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय, प्रभात खबर के संपादक संजय मिश्रा, न्यू इस्पात मेल के संपादक ब्रज भूषण सिंह, चमकता आईना के संपादक जय प्रकाश राय, राजेंद्र विद्यालय के उपाध्यक्ष एस.के. सिंह और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने वरिष्ठ पत्रकार आनंद सिंह की पुस्तक ‘समय के साथ’ का शुक्रवार को लोकार्पण किया। इस मौके पर हिंदी पत्रकारिता में विकासपरक रिपोर्टिंग का स्थान विषय पर संगोष्ठी भी आयोजित की गई। कार्यक्रम का आयोजन मिलानी हॉल में किया गया।

कोई भी अखबार निरपेक्ष होकर कहीं विकास की दिशा तय नहीं कर सकताः सरयू राय

संगोष्ठी में विधायक सरयू राय ने कहा कि 12 या 14 पन्नों के अखबारों में कोई न कोई पन्ना ऐसा होता है, जिसमें विकासपरक खबरें होती हैं। समस्या और समाधान से संबंधित खबरों को भी उन्होंने विकासपरक रिपोर्टिंग का ही हिस्सा माना और बताया कि अगर हमें सूचना न मिले तो समस्या का समाधान कैसे हो, विकास कैसे हो।

सरयू राय ने कहा कि अखबार में हर पाठक वर्ग के लिए कुछ न कुछ होता है। अखबार या पत्रिका के हर पन्ने में विकासपरक रिपोर्टिंग खोजना ठीक नहीं। लेकिन, आप जब अखबार को गौर से पढ़ेंगे तो आपको विकासपरक रिपोर्टिंग दिख जाएगी। यह खुशी की बात है कि जमशेदपुर के अखबारों में विकासपरक खबरों को तवज्जो दी जा रही है।

सरयू राय ने कहा कि पहले के दौर की चीजें अलग थीं। अब के दौर की चीजें अलग हैं। पहले समाचार संकलन का तरीका अलग था, पाठकों का खबरों को लेकर टेस्ट अलग था, तकनीकी अलग थी। अब सारी चीजें बदल गई हैं। जाहिर है, जब चीजें बदली हैं तो इसका असर विकासपरक रिपोर्टिंग पर भी पड़ा है। पहले की तुलना में यह ज्यादा निखर कर सामने आई है।

उन्होंने कहा कि कोई भी अखबार निरपेक्ष होकर कहीं की भी विकास की दिशा तय नहीं कर सकता। हां, अखबार विकास की दिशा की समीक्षा कर सकता है, मीमांसा कर सकता है। उन्होंने अपने दौर की पत्रकारिता को याद करते हुए कहा कि उनसे बजट आदि पर लिखने के लिए टास्क दिया जाता था कि बजट कैसे बनता है, उसके तकनीकी पहलू क्या हैं, कैसे आम पाठक बजट में रुचि ले।

भारत में हिंदी के अखबार सबसे ज्यादा विकासपरक खबरें छाप रहे हैं : संजय मिश्रा

प्रभात खबर के संपादक संजय मिश्रा ने कहा कि भारत में हिंदी के अखबार सबसे ज्यादा विकासपरक खबरें चला रहे हैं। मोटे तौर पर भारतीय मीडिया में डेवलेपमेंटल न्यूज का शेयर लगभग 65 प्रतिशत है। जाहिर है, इतनी ज्यादा विकासपरक दुनिया के किसी देश में नहीं छपतीं।

 विकासपरक पत्रकारिता जरूरी पर यह काफी खर्चीला : ब्रज भूषण सिंह

न्यू इस्पात मेल के संपादक चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि विकासपरक पत्रकारिता आज के वक्त की जरूरत है। लेकिन हमें देखना होगा कि यह उपक्रम काफी खर्चीला है।

 गांवों-तहसीलों से विकासपरक खबरें ज्यादा आती हैं :जय प्रकाश राय

चमकता आईना के संपादक जय प्रकाश राय ने कहा कि छोटे गांव-तहसीलों से विकासपरक खबरें आती हैं लेकिन बड़े शहरों में इसका कई बार अभाव दिखता है। अब वक्त आ गया है कि सभी पत्रकारों को विकासपरक खबरों के लिए एकजुट होकर एक राय बनानी होगी।

जनता दूल (यूनाइटेड) के पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने आनंद सिंह को उनकी नई पुस्तक के लिए बधाई दी और इस बात का जम कर समर्थन किया कि विकासपरक पत्रकारिता हर मीडिया में होनी चाहिए। मंच संचालन चंद्रदीप पांडेय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अशोक गोयल ने किया।

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