जमशेदपुर: समाजवादी चिंतक और वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने देश में चीन निर्मित वस्तुओं की बिक्री पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर फर्जी देशभक्ति और फर्जी राष्ट्रवाद का आरोप लगाया।
सुधीर पप्पू ने कहा कि हर दिवाली से पहले कुछ समूह चीनी लाइट और वस्तुओं का बहिष्कार करने का दिखावा करते हैं। लेकिन इस साल तो इस औपचारिकता को निभाने की भी हिम्मत नहीं दिखी। उनका कहना है कि जनता को खुलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के “वोकल फॉर लोकल” के नारे का विरोध करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि भाजपा और संघ जब विपक्ष में थे, तब बड़ी-बड़ी देशभक्ति की बातें करते थे। लेकिन पिछले 11 साल में चीन के साथ व्यापार घाटा लगातार बढ़ता रहा। देश के व्यापारी—जो तथाकथित देशभक्त संगठनों से जुड़े हैं—आज भी महिलाओं की टिकुली, बिंदी, सूत, इलेक्ट्रॉनिक सामान और घरेलू उत्पाद चीन से मंगा रहे हैं।
सुधीर पप्पू ने कहा कि देश के कुटीर और लघु उद्योग बंद हो रहे हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है, और न सरकार न व्यापारियों को इसकी चिंता है। भारतीय निर्माण उद्योग अब केवल “असेंबल उद्योग” तक सिमट कर रह गया है।
सुधीर कुमार पप्पू ने प्रधानमंत्री मोदी सरकार से सवाल किया कि आखिर चीन की वस्तुएं भारतीय सीमा में कैसे और क्यों प्रवेश कर रही हैं। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि इस दीपावली चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करें और अपने घरों में मिट्टी के दीप जलाएं। यह न केवल भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है, बल्कि इससे कुम्हार समुदाय और अन्य वंचित वर्गों को भी फायदा मिलेगा।
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