जमशेदपुर: एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नए परिसर में बने सभी आइसीयू वार्ड पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन कई दिनों से शुरू नहीं हो पा रहे थे। इससे गंभीर मरीज समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण दूसरे अस्पतालों के चक्कर काटने को मजबूर थे।
शुक्रवार को एनईपी (नेशनल एजुकेशन प्रोजेक्ट) के डायरेक्टर और एमजीएम के नोडल अधिकारी संतोष गर्ग ने प्रिंसिपल डॉ. दिवाकर हांसदा, अधीक्षक डॉ. आर.के. मंधान और विभिन्न विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की। एमजीएम प्रबंधन ने बताया था कि 15 दिसंबर तक सभी ICU शुरू कर दिए जाएंगे।
लेकिन बढ़ती परेशानी और धीमी कार्रवाई देखते हुए उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने अगले ही दिन सख्त आदेश जारी कर दिया—8 दिसंबर तक हर हाल में सभी ICU शुरू किए जाएं।
उपायुक्त द्वारा जारी पत्र में एमजीएम प्राचार्य, अधीक्षक और एनेस्थीसिया, मेडिसिन तथा सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्षों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है।
डीसी ने कहा कि संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद ICU बंद रखना लापरवाही है—यह गंभीर मरीजों के अधिकारों का उल्लंघन है और उनकी जिंदगी से खिलवाड़ के बराबर है।
पत्र में कहा गया है कि आइसीयू शुरू करते समय सभी उपकरण पूरी तरह कार्यशील हों और विशेषज्ञ डॉक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
इसके लिए संबंधित विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। डीसी ने साफ लिखा—समयसीमा का पालन न होने पर कठोर प्रशासनिक कार्रवाई तय है।
जिला प्रशासन की इस सख्ती से मरीजों और परिजनों में उम्मीद जगी है कि अब लंबे समय से ढीली चली आ रही अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली में सुधार होगा। लोगों को भरोसा है कि गंभीर मरीजों को अब समय पर आवश्यक ICU सुविधा मिल सकेगी।
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