
झाड़ग्राम: लगातार हो रही बारिश से डुलुंग नदी उफान पर है और शालतोड़िया गांव के लोगों की ज़िंदगी जैसे ठहर सी गई है. परंतु इस आपदा की घड़ी में प्रशासन और पुलिस ने संवेदनशीलता की मिसाल पेश की है.
सांकराइल थाना क्षेत्र के शालतोड़िया गांव में गुरुवार को बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई. लगातार वर्षा के कारण डुलुंग नदी का जलस्तर बढ़ने से गांव के लोग भयभीत थे. परिजनों के चेहरे पर चिंता की लकीरें थीं, लेकिन पुलिस की करुणामयी पहल से कुछ देर के लिए सुकून मिला.
झाड़ग्राम ज़िला पुलिस और सांकराइल थाना प्रशासन ने शालतोड़िया गांव में एक कम्युनिटी किचन की स्थापना की. पीड़ित ग्रामीणों के लिए खिचड़ी, सब्ज़ी, अंडा करी, चटनी और मिठाई जैसे भोजन का प्रबंध किया गया. केवल निर्देश देने तक सीमित न रहते हुए डीएसपी (डीएनटी) सब्यसाची घोष और थाना प्रभारी नीलमाधव दोलाई ने खुद भोजन परोसा.
यह दृश्य एक अनोखी मानवता की तस्वीर थी—जहाँ वर्दी में संवेदनाएं दिखती हैं.
डीएसपी घोष ने कहा, “बारिश ने ग्रामीणों की दिनचर्या को प्रभावित किया है. हमने महसूस किया कि सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि जमीनी सहयोग आवश्यक है. कम्युनिटी किचन एक दिन की योजना नहीं, बल्कि जब तक जरूरत रहेगी, हम ग्रामीणों के साथ रहेंगे.”
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि झाड़ग्राम के अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी इसी प्रकार के राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं.
इस समूचे राहत प्रयास के पीछे झाड़ग्राम के पुलिस अधीक्षक अरिजीत सिन्हा की दूरदर्शिता और मानवीय दृष्टिकोण है. उनके नेतृत्व में जिला पुलिस न केवल सुरक्षा दे रही है, बल्कि राहत और पुनर्वास के लिए भी सजग भूमिका निभा रही है. गुरुवार दोपहर हल्की धूप निकलने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है. यदि आगामी दिनों में बारिश रुकी रही, तो प्रशासन को उम्मीद है कि हालात काबू में आ जाएंगे.
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