
रांची: झारखंड आंदोलन के प्रणेता और राज्य की राजनीति का मजबूत चेहरा रहे दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से राज्यभर में शोक की लहर है। सोमवार को झारखंड विधानसभा की कार्यवाही शोक प्रस्ताव के साथ शुरू हुई। जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष ने शोक प्रस्ताव पढ़ा, पूरा सदन ‘शिबू सोरेन अमर रहें’ के नारों से गूंज उठा। सभी विधायकों ने मौन श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें अंतिम सम्मान दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “शिबू सोरेन सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा थे। वे संघर्ष और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक रहे।”
कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने उन्हें याद करते हुए कहा कि शिबू सोरेन एक जीवंत विचारधारा थे। उन्होंने आजीवन अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उनकी आवाज हमेशा वंचितों के साथ रही।
भावनात्मक माहौल को देखते हुए विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इसके तहत 4 अगस्त को सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
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