
जमशेदपुर: झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने राज्य सरकार के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे लोकलुभावन बताया. उन्होंने कहा कि बजट में कई वादे किए गए हैं, लेकिन कार्य योजना का स्पष्ट अभाव है. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि इन वादों को कैसे पूरा किया जाएगा, इसका कोई ठोस रास्ता नहीं दिख रहा है.
विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों की स्थिति
पांडेय ने राज्य में तीन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना की घोषणा का स्वागत किया, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पहले से चल रहे विश्वविद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की कमी है, जिस पर बजट में कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसी तरह, नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना का जिक्र किया गया, लेकिन पहले से चल रहे कॉलेजों में सुविधाओं का सुधार करने की कोई योजना नहीं है.
कृषि और रोजगार में सकारात्मक पहल
कृषि और किसानों के लिए कई योजनाओं को बजट में शामिल किया गया है, जो स्वागत योग्य हैं. इसके अलावा, कौशल विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है, जो रोजगार सृजन और पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए उचित कदम है. पांडेय ने इसे सकारात्मक पहल माना और कहा कि ये क्षेत्र राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं.
क्या घोषणाएं धरातल पर उतरेंगी?
कुल मिलाकर, पांडेय ने हेमंत सरकार के बजट को लोकलुभावन बताया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों को ध्यान में रखा गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि घोषणाएं धरातल पर उतरती हैं, तो यह बजट राज्य के लिए प्रभावी सिद्ध होगा. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, पेयजल और ग्रामीण विकास पर फोकस करने के लिए सरकार की सराहना की, लेकिन इसके सफल कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया.
इसे भी पढ़ें : Jharkhand Budget 2025: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बजट पर दी यह प्रतिक्रिया