
रांची: झारखंड की खनिज संपदा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इन दिनों स्वीडन दौरे पर हैं. उनके साथ उनकी पत्नी एवं गांडेय की विधायक कल्पना सोरेन तथा एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी सम्मिलित है. इस यात्रा का मूल उद्देश्य स्वीडन की अग्रणी औद्योगिक कंपनियों को झारखंड में निवेश के लिए आमंत्रित करना है, जिससे राज्य में नए उद्योग स्थापित हों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित हों.

गोटेबोर्ग में मिला अंतरराष्ट्रीय मंच, रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा
मुख्यमंत्री को गोटेबोर्ग एबी में आयोजित EVS38 सम्मेलन और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की प्रमुख मिस कैटरीना क्लास द्वारा आमंत्रित किया गया. यह आमंत्रण झारखंड की वैश्विक औद्योगिक क्षमता को मान्यता देने का संकेत है.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वीडन की कंपनियों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि झारखंड निवेश के लिए तैयार है. उन्होंने आग्रह किया कि उद्योगपति राज्य की संभावनाओं को निकट से देखें और झारखंड के औद्योगिक पुनर्जागरण में भागीदार बनें.
झारखंड: खनिज संपदा और औद्योगिक अवसरों की भूमि
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दूरदर्शिता राज्य को औद्योगिक नवाचार का केंद्र बनाने की दिशा में अग्रसर है. झारखंड पहले से ही टाटा स्टील, सेल, एनटीपीसी, वेदांता रिसोर्सेज, टाटा पावर, अदाणी पावर जैसी कंपनियों के निवेश का केंद्र रहा है.
इन कंपनियों द्वारा राज्य में इस्पात उत्पादन, ऊर्जा संयंत्र और गैस इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं. मुख्यमंत्री की मंशा है कि अब स्वीडन की उन्नत तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक दृष्टिकोण को भी झारखंड में शामिल किया जाए.
वैश्विक मंच पर बढ़ती झारखंड की प्रभावशीलता
मुख्यमंत्री की इस यात्रा से स्पष्ट होता है कि झारखंड अब केवल खनिज प्रदेश नहीं, बल्कि वैश्विक औद्योगिक साझेदारी का केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है. उनकी नेतृत्व क्षमता और संवाद कुशलता ने झारखंड को अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए गंभीर विकल्प के रूप में स्थापित किया है.
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