
जमशेदपुर: 24 मार्च को एनसीपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता डॉ. पवन पांडेय ने झारखंड विधानसभा में परिवहन एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरूआ द्वारा प्रस्तुत जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया दी. मंत्री द्वारा विधायक प्रदीप यादव द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में यह कहा गया था कि झारखंड राज्य में जाती आधारित जनगणना का निर्णय पिछले वर्ष फरवरी में लिया गया था.
मंत्री का बयान और एनसीपी युवा मोर्चा की प्रतिक्रिया
मंत्री ने यह भी कहा था कि झारखंड में भी जाती आधारित जनगणना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. हालांकि, डॉ. पवन पांडेय ने इस पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जब तक झारखंड में एससी, एसटी और ओबीसी को जाती आधारित प्रमाण पत्र नहीं मिलते, तब तक जाती आधारित जनगणना पूरी तरह से निराधार साबित होगी. उनका कहना था कि अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर मुसलमान और सिख समाज के एससी और ओबीसी में आने वाली जातियों को भी प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है. ऐसे में ये जातियां जनगणना में कैसे शामिल हो सकती हैं.
सभी समुदायों के लिए प्रमाण पत्र की आवश्यकता
पांडेय ने जोर देते हुए कहा कि झारखंड की सरकार को सबसे पहले जाती आधारित प्रमाण पत्र जारी करने का काम तेजी से पूरा करना चाहिए. इससे समाज के विभिन्न वर्गों को न्याय मिल सकेगा और वे अपनी सही जाति को जनगणना में दर्ज करवा सकेंगे.
प्रमाण पत्र के निर्गमन के बाद जनगणना का सर्वे करने की आवश्यकता
डॉ. पवन पांडेय ने सरकार से आग्रह किया कि जब तक जाती आधारित प्रमाण पत्र सभी वर्गों को जारी नहीं किया जाता, तब तक जाती आधारित जनगणना का सर्वे कराना उचित नहीं होगा. केवल जब यह सुनिश्चित हो कि सभी जातियां और समुदाय इसके तहत आ चुके हैं, तब ही जनगणना का काम शुरू किया जाना चाहिए.
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