खड़गपुर: शालीमार रेलवे स्टेशन में चल रहे बड़े यार्ड रीमॉडलिंग और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट के तहत नॉन-इंटरलॉकिंग (एनआई) कार्य को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह चरण स्टेशन की सिग्नलिंग प्रणाली को आधुनिक बनाने, यार्ड लेआउट सुधारने और यात्री व मालगाड़ियों दोनों के लिए क्षमता बढ़ाने के लिए अहम माना जा रहा है।
DRM की समीक्षा और निरीक्षण
खड़गपुर के डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) ललित मोहन पांडेय ने कार्य की समीक्षा के दौरान निम्न महत्वपूर्ण तत्वों का निरीक्षण किया:
रूट रिले इंटरलॉकिंग (RRI) प्रणाली
वंदे भारत टर्मिनल की व्यवस्थाएँ
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग इंस्टॉलेशन
प्वाइंट मशीन इंस्टॉलेशन
ट्रैक टर्नआउट बिछाने का कार्य
संबंधित सिविल और सिग्नलिंग कार्य
कमीशनिंग प्रक्रिया में व्यापक सिग्नलिंग ट्रायल किए गए। प्रणाली को सुरक्षित और कुशल ट्रेन संचालन के लिए प्रमाणित किया गया। DRM पांडेय ने सुरक्षा मानकों का पालन, विस्तृत परीक्षण प्रोटोकॉल और विभागों के बीच समन्वय पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने इंजीनियरिंग, सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिकल, ऑपरेटिंग और सेफ्टी टीमों के समर्पित प्रयासों की सराहना की। DRM ने कहा “इतने बड़े पैमाने पर विकास कार्य, जिसमें कई विभागों की भागीदारी होती है, केवल कर्मचारियों की मेहनत, समर्पण और टीमवर्क के कारण सफलतापूर्वक पूरा हो पाया है।”