Jharkhand: अबुआ आवास योजना के तहत लाभार्थी-स्तरीय जियो-टैग प्रणाली की शुरुआत, जानिए कैसे मिलेगा समय पर भुगतान?

Spread the love

रांची: झारखंड सरकार ने अबुआ आवास योजना के तहत लाभार्थी-स्तरीय जियो-टैग प्रणाली की शुरुआत की है. इस पहल का उद्देश्य लाभुकों को समय पर और पारदर्शी तरीके से किस्तों का भुगतान सुनिश्चित करना है. नया मोबाइल ऐप लाभुकों को उनके निर्माणाधीन आवास का जियो-टैग करने की सुविधा देगा, जिससे योजना के क्रियान्वयन की निगरानी प्रभावी रूप से की जा सकेगी.

 

 

डिजिटल तकनीक से दूर होगी अनियमितता

ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने बताया कि इस ऐप के जरिए किस्त भुगतान प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा.
सरकारी बयान के अनुसार, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्माण कार्य की प्रगति के आधार पर ही किस्त जारी की जाए. ऐप के माध्यम से लाभुक स्वयं अपने आवास निर्माण की स्थिति अपडेट कर सकेंगे, जिससे सरकारी अधिकारियों को भी वास्तविक समय की जानकारी मिलेगी.

 

 

चार किस्तों में मिलेगी दो लाख की सहायता

अबुआ आवास योजना के तहत प्रत्येक स्वीकृत लाभुक को दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी, जिसे चार किस्तों में वितरित किया जाएगा.
इस प्रक्रिया को अधिक सुचारू बनाने के लिए लाभार्थियों को पंचायत स्तर पर चार-चार के समूहों में बांटा जाएगा. इसके अलावा, लंबित किस्तों के भुगतान के लिए प्रत्येक माह एक निर्धारित बुधवार को भुगतान जारी किया जाएगा, जिससे नियमितता बनी रहे.

 

 

पंचायत स्तर पर होगी निगरानी

ग्रामीण विकास सचिव के. श्रीनिवासन ने सभी जिला उपायुक्तों (DC) और उप विकास आयुक्तों (DDC) को निर्देश दिया है कि वे ग्राम पंचायत स्तर पर आवास निर्माण कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के तहत गठित ग्राम संगठनों (VO) के साथ समन्वय करें. उन्होंने जोर देकर कहा कि लाभुकों को समय पर सहायता राशि मिले, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

 

 

कैसे करें ऐप डाउनलोड और इस्तेमाल?

यह ऐप गूगल प्ले स्टोर और अबुआ आवास योजना के पोर्टल पर उपलब्ध है.
डाउनलोड के बाद, लाभुकों को सत्यापन के लिए एक ओटीपी प्राप्त होगा.
जियो-टैगिंग की सुविधा के लिए लाभुकों को अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर ब्लॉक लॉगिन सिस्टम में अपडेट करना होगा.
पंचायत सेवक सात दिनों के भीतर जियो-टैग डेटा का सत्यापन करेंगे.
सत्यापन के आधार पर अनुमोदन या अस्वीकृति दी जाएगी, और किसी भी अस्वीकृति का कारण स्पष्ट रूप से बताया जाएगा.

यह नई पहल अबुआ आवास योजना को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएगी, जिससे हजारों लाभार्थियों को समय पर उनकी किस्त प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

 

इसे भी पढ़ें: Odisha: रेलवे कर्मचारियों की सतर्कता ने टाला हादसा, हुए सम्मानित

 

 

 

 


Spread the love

Related Posts

Jharkhand: प्रधानाध्यापिका को नहीं मालूम ‘देश का शिक्षा मंत्री’ – बच्चों ने कहा PM हैं हेमंत सोरेन!

Spread the love

Spread the loveपलामू:  उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय करमा से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने न केवल सरकारी विद्यालयों की व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि शिक्षकों की योग्यता…


Spread the love

Jharkhand: शिबू सोरेन की तबीयत नाजुक, CM हेमंत फिर पहुंचे दिल्ली

Spread the love

Spread the loveरांची:  झारखंड के दिशोम गुरु और जेएमएम के सर्वोच्च नेता शिबू सोरेन की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई है. वे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती…


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *