
चांडिल: सरहुल पर्व को नीमडीह प्रखंड क्षेत्र के नारगाटांड़ में पारंपरिक उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया. यह पर्व आदिवासी संस्कृति का प्रतीक है, जो प्रकृति की पूजा और संरक्षण पर केंद्रित होता है. इस मौके पर आदिवासी भूमिज मुंडा समुदाय के लोग पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य और संगीत के साथ इस पर्व का आनंद लेते हैं.
प्रकृति के साथ सामंजस्य और भाईचारे का संदेश
सरहुल पर्व जल, जंगल और जमीन से गहरा संबंध रखता है. यह प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने का संदेश देता है. इस दौरान ग्रामीण लोग पारंपरिक विधि से पूजा-अर्चना करते हैं और मांदर की थाप पर नृत्य करते हुए प्रकृति के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं.
आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
पर्व के आयोजन के दौरान कई प्रमुख व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. मुख्य अतिथि और गणमान्य लोग इस अवसर पर शामिल हुए, जिनमें स्थानीय नेता और समाजसेवी लाया सुशिल सिंह, जयराम सिंह, निरंजन सिंह, भोला सिंह, बैद्यनाथ सिंह, अरुण सिंह, दिगम्बर सिंह, सरदार शामा पद सिंह, मोनज सिंह और छुटु सिंह प्रमुख थे.
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